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अब आपकी मर्जी, रेस्ट्रॉरेंट और होटलों में सर्विस चार्ज दें या ना दें

Location: नई दिल्ली, प्रेट्र।                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 19245

नई दिल्ली, प्रेट्र।: रेस्तरां और होटल में जाने वाले ग्राहकों के लिए खुशखबरी। सरकार ने साफ किया है कि इनके खाने के बिल में लगने वाला सेवा शुल्क अनिवार्य नहीं है। सेवाओं से असंतुष्ट होने पर ग्राहक चाहें तो वे इस चार्ज को बिल से हटाने के लिए कह सकते हैं। अमूमन बड़े होटल और रेस्तरां के खाने के बिलों में सर्विस चार्ज भी जुड़ा होता है। अब से रेस्तरां या होटल जाएं तो इस बात पर जरूर ध्यान दें। केंद्र सरकार ने राज्यों से यह भी कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि होटल और रेस्तरां में सेवा शुल्क के बारे में यह जानकारी सूचनापट पर डिस्प्ले की गई हो। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस बाबत एक आधिकारिक बयान जारी किया है।



इसमें कहा गया कि ग्राहकों से 'सर्विस चार्ज' वसूलने के संबंध में कई शिकायतें मिली हैं। इसे टिप्स के एवज में 5 से 20 फीसद की रेंज में लिया जाता है। सेवा कैसी भी दी हो, होटल और रेस्तरां इसे उपभोक्ता से जबरन वसूल लेते हैं।मंत्रालय ने होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से इसको लेकर जवाब मांगा था। एसोसिएशन ने सफाई देते हुए मंत्रालय को बताया है कि सर्विस चार्ज पूरी तरह ग्राहकों के विवेक पर निर्भर है। खाने से असंतुष्ट होने पर वे बिल से इस शुल्क को हटवा सकते हैं।



लिहाजा यह माना जाना चाहिए कि ग्राहक की स्वेच्छा से ही इसे ले सकते हैं। उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के प्रावधानों को रेखांकित करते हुए मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी कंज्यूमर को अनुचित ढंग से पैसा देने के लिए मजबूर किया जाता है तो वह इसकी शिकायत कंज्यूमर फोरम से कर सकता है। देश में ज्यादातर ग्राहकों को इस बात की जानकारी नहीं है कि सर्विस चार्ज देने या नहीं देने का विकल्प उसके पास होता है। लिहाजा उन्हें रेस्तरां से इसके बारे में पूछना चाहिए।



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