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दीपावली मनाएं, लेकिन आँखों की सुरक्षा के साथ

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 2560

Bhopal: 03 नवम्बर 2018। दीपावली रोशनी और खुशियों का पर्व है, और बिना पटाखों के यह त्योहार अधूरा सा माना जाता है। त्योहार मनाना तो जरूरी है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना। पटाखे या आतिशबाजी के दौरान जरा सी भी लापरवाही हमारे लिए घातक साबित हो सकती है। ये लापरवाही न सिर्फ आपको गंभीर चोट पहुंचा सकती है, बल्कि त्योहार की खुशियों में बाधा बन सकती है। पटाखों से होने वाले नुकसान में सबसे पहले आँखें प्रभावित होती हैं, इस तरह के नुकसान से आँखों को कैसे बचाएं, इस बारे में मध्यप्रदेश के प्रख्यात बंसल हॉस्पिटल की स्पेशलिस्ट डॉ. विनीता रमनानी बताती हैं कि त्योहार की खुशियों के बीच सावधानी भी जरूरी है।



डॉ. रमनानी ने बताया कि अक्सर इस तरह की चोटें बच्चो में ज्यादा होती हैं। ये हाथ, पैर एवं चेहरे की चमड़ी को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं। बारूद का धुंआ फेफड़ों के लिए तो नुकसानदायक है ही, यह सीधा आँखों पर भी असर करता है। इसके अलावा पटाखों के धमाके से होने वाली तेज रोशनी भी आँखों को प्रभावित करती है। डॉ. रमनानी ने बताया कि पटाखों से होने वाले नुकसान कितने घातक हो सकते हैं। पटाखों से जलने पर आँखों के चारो ओर की चमड़ी जल सकती है। इसके अलावा पलकों, काली पुतली एवं सफ़ेद पुतली का जलना और फटना, पलकों पर एवं आँखों में खून जमा होना, आँखों में धुएं एवं बारूद से जलन और लालिमा, बारूद के कण आँखों में जाना, पटाखे की चिंगारी से आंखों की कार्निया पर बुरा असर पड़ना, मोतियाबिंद या कान्चबिंद का होना, आँखों के परदे में खून जमा होना या परदे का अपनी जगह से सरकना, आँखों की किसी भी परत में चोट या खून आना, तेजी से आये फटाके से पूरी सरंचना को नुकसान एवं रौशनी का कम होना या आंखों मे और त्वचा में संक्रमण जैसे असर भी पड़ सकते हैं।



डॉ. रमनानी बताती हैं कि आँखें शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से एक हैं इसलिए पहले से ही सतर्क रहें। इसके अलावा बच्चों के पटाखे जलाते समय उनके अभिभावकों का होना जरूरी है। बिना अभिभावकों की देखरेख के बच्चों को पटाखों से दूर रखना चाहिए। पटाखों से चोट लगने के मुख्य कारणों में गलत तरीके से आतिशबाज़ी करना, हाथ में पटाखा जलाना प्रमुख हैं। कई बार कई बार पटाखे बीच में बंद हो जाते हैं और अचानक से जलते हैं, इस कन्फ्यूजन की वजह से भी लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।



डॉ. रमनानी कहती हैं कि पटाखों से किसी भी तरह का नुकसान होते ही प्राथमिक उपचार दिया जाना जरूरी है, लेकिन इसके तुरंत बाद किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाना भी जरूरी है। कई बार हमें चोट उतनी गहरी नहीं लगती, जितनी वह वास्तव में होती है। खासतौर पर आँखों को होने वाले किसी भी नुकसान में तुरंत किसी आई स्पेशलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। आपकी जरा सी भी देरी, आंखों की रोशनी को कम कर सकती है या उसे जिंदगी भर के लिए अंधेरे में भेज सकती है। इसलिए दीपावली जरूर मनाएं, लेकिन सावधानी और सुरक्षा के विशेष ख्याल के साथ।

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