Mumbai:
काले रंग पर मज़ाक बनाने और जातिगत कमेंट्स के विरोध में फ़िल्म अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी हाल ही में एक टीवी शो 'कॉमेडी नाइट्स बचाओ' को बीच में ही छोड़कर बाहर आ गईं थीं और उन्होंने फ़ेसबुक के ज़रिये इस पर कड़ा ऐतराज़ भी जताया था.
वो अपनी फ़िल्म 'पार्च्ड' के प्रमोशन के सिलसिले में फ़िल्म निर्देशक लीना यादव और अभिनेत्री राधिका आप्टे के साथ वहां गई थीं.
बीबीसी से बातचीत में तनिष्ठा चटर्जी ने कहा "शो में व्यक्तिगत तौर पर मेरा मज़ाक नहीं उड़ाया गया था लेकिन रंग पर बात करना लोगों की सोच को दर्शाता है. वो ये सोचते हैं कि कि किसी के रंग पर टिप्पणी करना मज़ाक है."
तनिष्ठा के मुताबिक़, "शो पर मुझसे पूछा गया कि क्या मैं जामुन खाकर बड़ी हुई हूं."
वो आगे कहती हैं, "अगर मेरा मज़ाक उड़ाया गया होता तो मैं हंसती लेकिन यहां समस्या किसी के रंग को लेकर होने वाले पूर्वाग्रह से थी."
"मेरा और भी तरीक़े से मज़ाक उड़ाया जा सकता था लेकिन आपको सिर्फ़ रंग दिखा जो कि जाति, वर्ग और रंग को लेकर पूर्वाग्रह से जुड़ा है."
वो आगे कहती हैं "समाज में जो चल रहा है उससे बॉलीवुड अछूता नहीं है लेकिन बॉलीवुड में हर किसी के लिए जगह है. बहुत सारे अभिनेता और अभिनेत्री सांवले हैं,इसके बावजूद वो काफी सफल हैं."
बॉलीवुड के पूर्वाग्रह के बारे में तनिष्ठा कहती हैं "यहां गांव की किसी महिला की भूमिका निभानी होती है तो लोग सांवले रंग को तरजीह देते हैं और जैसे ही शहर की किसी पढ़ी-लिखी महिला की भूमिका होती है तो वो मेकअप कर रंग को साफ़ बनाने पर जोर देते हैं."
वो कॉमेडी शो बनाने वालों को डिक्शनरी देखकर व्यंग्य और तंज़ का मतलब समझने की भी सलाह देती हैं.
कलर्स टीवी पर आने वाले 'कॉमेडी नाइट्स बचाओ' को हास्य कलाकार कृष्णा और भारती सिंह प्रस्तुत करते हैं.
स्रोत- बीबीसी
मुझसे पूछा गया, "क्या मैं जामुन खाकर बड़ी हुई"
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👤Posted By: Digital Desk
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