Bhopal: 30 मई 2016, के बाद बनी अवैध कालोनियां हटाई जायेंगी तथा इस तारीख से पहले बनी अवचैध कालोनियों को शुल्क लेकर वैध किया जायेगा। यह नया प्रावधान राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन विभाग ने मप्र नगरपालिका कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें नियम 1998 में संशोधन कर किया है।
पहले इन नियमों में प्रावधान था कि 31 दिसम्बर,2012 तक बनी अवैध कालोनियों को ही निर्धारित शुल्क लेकर वैध किया जायेगा। पहले नियमों में अनधिकृत कालोनियों के लिये प्रावधान थे पर अब संशोधन के जरिये अनधिकृत कालोनियों को अवैध कालोनी कर दिया है। इसी प्रकार, पहले अनधिकृत कालोनी वह मानी जाती थी जिसमें कालोनाईजर द्वारा टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग, सीलिंग एक्ट, डायवर्सन, नजूल तथा नगरपालिका की वैध अनुमति या एनओसी नहीं होती थी परन्तु अब अवैध कालोनी उसे माना जायेगा जो सरकारी भूमि से भिन्न तथा विकास प्राधिकरण की भूमि पर 31 दिसम्बर 2016 के पूर्व बिना अनुमति के बनी हो।
नये प्रावधानों के अनुसार, जिस अवैध कालोनी में 70 प्रतिशत रहवासी निम्न आय वर्ग के होंगे वहां विकास कार्य की रकम का 20 प्रतिशत कालोनी के रहवासियों से लिया जायेगा तथा शेष 80 प्रतिशत संबंधित नगरीय निकाय वहन करेगा। उक्त से भिन्न अवैध कालोनी में विकास कार्य की राशि का पचास प्रतिशत कालोनी के रहवासियों से लिया जायेगा तथा शेष 50 प्रतिशत नगरीय निकाय वहन करेगा। जनभागीदारी योजना की राशि/सांसद निधि/विधायक निधि से ली गई रकम भी रहवासियों से ली गई रकम मानी जायेगी परंतु इसमेंं जल, विद्युत तथा मल निकासी के कार्यों की लागत सम्मिलित नहीं होगी।
बढ़ा कालोनाईजर लायसेंस शुल्क :
नये नियमों में कालोनाईजर के लायसेंस का शुल्क भी बढ़ा दिया गया है। अब कालोनाईजर को रजिस्ट्रीकरण शुल्क 50 हजार रुपये देना होगा तथा नवीनीकरण का शुल्क 25 हजार रुपये लगेगा। लायसेंस प्राप्त कालोनाईर को कालोनी का विकास करने के लिये अब तीन लाख या अधिक जनसंख्या वाले नगर निगम क्षेत्र में ढाई लाख रुपये प्रतत हैक्टेयर, तीन लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगम क्षेत्र में एक लाख रुपये प्रति हैक्टेयर, नगर पालिका क्षेत्र में पचास हजार रुपये प्रति हैक्टेयर तथा नगर परिषद क्षेत्र में 25 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर शुल्क आवेदन-पत्र के साथ जमा कराने होंगे। यदि कालोनाईजर 2 हैक्टेयर से कम भूमि पर भूखण्ड विकसित कर रहा है या एक हैक्टेयर क्षेत्र से कम में समूह आवास बना रहा है तो उसे कालोनाईजर लायसेंस हेतु पंजीयन शुल्क देने से छूट रहेगी।
- डॉ नवीन जोशी
31 दिसम्बर 2016 के बाद बनी अवैध कालोनियां जमीनदोज होंगी
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Bhopal
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