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पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधा में किसी तरह की कटौती नहीं

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 17364

Bhopal: भोपाल 25 अप्रैल 2017। मंत्रि-परिषद् की बैठक आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में सम्पन्न हुई।

मंत्रि-परिषद् ने मध्यप्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के लिए नवीन पदों के सृजन का निर्णय लिया। यह हम आम उपभोक्ताओं के हित में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय है। उल्लेखनीय है कि राज्य में रियल एस्टेट परियोजना के रजिस्ट्रेशन, भूखण्ड, अपार्टमेंट, भवन आदि रियल एस्टेट परियोजनाओं के सुगम और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत विक्रय, उपभोक्ताओं की रक्षा, विवादों का निपटारा, अपीलीय प्राधिकरण की स्थापना आदि का प्रावधान रखते हुए 'रियल एस्टेट विनियमन एवं विकास अधिनियम, 2016' लागू किया गया। अधिनियम में भारत सरकार के निर्देशों के तहत पर राज्य शासन ने 22 अक्टूबर 2016 द्वारा 'मध्यप्रदेश रियल एस्टेट विनियमन एवं विकास नियम, 2016' बनाया गया। प्राधिकरण में अध्यक्ष सहित दो सदस्य, एक प्राधिकरण सचिव, एक मुख्य प्रशासकीय अधिकारी, दो न्याय निर्णायक अधिकारी, तीन तकनीकी सलाहकार और एक-एक वित्तीय नियंत्रक, विधिक सलाहकार, सहकारिता सलाहकार, नगर निवेशक सलाहकार भी शामिल है।



मध्यप्रदेश मंत्री (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम 1972 में संशोधन के लिए मंजूरी प्रदान की गई। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने का प्रावधान रहेगा। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर कहा था कि प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों और अविभाजित मध्यप्रदेश के ऐसे भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों को जो विद्यमान मध्यप्रदेश के विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हैं उन्हें मंत्रियों के समान वेतन, भत्ते एवं सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। परन्तु पूर्व मुख्यमंत्री यदि केन्द्र और राज्य में मंत्री पद पर है तो उन्हें उक्त अवधि के लिए वेतन भत्ते की पात्रता नहीं होगी, लेकिन अन्य सुविधाओं के लिए पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से पात्र बने रहेंगे। इस व्यवस्था को वैधानिक रूप दिया जाएगा। आज की बैठक में मध्यप्रदेश मंत्री (वेतन तथा भत्ता) संशोधन अध्यादेश 2017 का अनुमोदन किया गया।



मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद् ने प्रमुख सचिव विधानसभा का नाम पूर्वता क्रम (आर्डर ऑफ प्रेसीडेन्स) 2011 के संबंध में जोड़े जाने का निर्णय लिया है। अब पूर्वता क्रम की सारणी में सरल क्रमांक 30 में प्रमुख सचिव गृह के पश्चात प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन एवं प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधानसभा को एक साथ जोड़ा जाएगा।



मंत्रि-परिषद् ने आज नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन लि. खरगौन को 600 मेगावाट की 2 ईकाईयों की विद्युत परियोजना के लिए रेल्वे ट्रेक बनाने के लिए खण्डवा जिले की 0.532 हेक्टेयर शासकीय भूमि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की शर्तों पर आवंटन का निर्णय लिया।



आज मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद् ने अखिल भारतीय दयानंद सेवा आश्रम संघ, दिल्ली की शाखा थांदला जिला झाबुआ को आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत 2015-16 से विभागीय अनुदान नियम के अधीन 10 वर्ष की पंजीयन में छूट देने की मंजूरी प्रदान की।



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