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जिला न्यायलयों में अब अर्जी लेखकों को रसीद देना होगी

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 18549

Bhopal: 29 मई 2017, प्रदेश के जिला न्यायालयों में आपराधिक एवं सिविल मामलों में दस्तावेज जमा करने हेतु अब यदि अर्जी लेखक किसी पक्षकार के लिये कोई अर्जी यानी आवेदन-पत्र, वाद-पत्र, जवाबदावा या अपील लिखते हैं तो वे प्रति पृष्ठ दस रुपये के हिसाब से शुल्क ले सकेंगे लेकिन अधिकतम वे चार सौ रुपये लेंगे और उन्हें इस वसूले गये शुल्क की रसीद भी पक्षकार को देना होगी। यह नया प्रावधान मप्र हाईकोर्ट ने अपने नियमों में संशोधन कर लागू कर दिया है।



संशोधित नियमों में कहा गया है कि अब अर्जी लेखकों को जिला न्यायालय से अर्जी लिखने का लायसेंस लेना होगा जो उन्हें पहले एक वर्ष के लिये परिवीक्षा अवधि के रुप में मिलेगा तथा उसे जिला न्यायाधीश द्वारा स्थाई किया जाता है तो फिर तीन वर्ष हेतु लायसेंस दिया जायेगा। बीस वर्ष की उम्र वाला व्यक्ति ही जिसने न्यूनतम बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की हो, अर्जी लेखक के लायसेंस हेतु आवेदन कर सकेगा। आवेदन-पत्र में उसे दो सम्मानीय व्यक्तियों के नाम उसके चरित्र के संबंध में देना होगा। किसी अपराध में सिध्ददोष या शासकीय नौकरी से निकाला गया व्यक्ति आवेदन नहीं कर सकेगा।



नये नियमों के अनुसार, अब यह माना जायेगा कि अर्जी लेखकों को न्यायालय के कानूनों एवं नियमों के बारे में जानकारी है तथा हर अर्जी लेखक को अपने पास रजिस्टर रखना होगा जिसमें वह लिखी जाने वाली अर्जी के बारे में विवरण दर्ज करेगा। उसे अपने व्यय पर बनाई एक मुहर भी रखना होगी जिसमें लिखा होगा अर्जी लेखक- नाम, क्रमांक एवं जिला। यदि अर्जी लेखक बिना लायसेंस लिये अर्जी लिखता है तो उस पर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा। यदि अर्जी लेखक उसे हटाये जाने के बाद भी अर्जी लिखता है या किसी पक्षकार से पावर आफ अटार्नी लेता है या पक्षकार से अर्जी लिखने का अधिक शुल्क लेता है या लिखी गई अर्जी पर अपनी मुहर नहीं लगाता है या अपनी मुहर नहीं बनवाता है या लिखी गई अर्जी को अपने रजिस्टर में दर्ज नहीं करता है, तो उस पर सौ रुपये का अर्थदण्ड लगाया जायेगा।

प्रिंसिपल रजिस्ट्रार इंदौर हाईकोर्ठ खण्डपीठ डीएस सोलंकी ने बताया कि अर्जी लेखकों के लिये नये नियमों से जिला अदालतों में पक्षकारों से अब अर्जी लेखक मनमानी फीस नहीं वसूल पायेंगे। यह सब कार्यवाही अर्जी लेखन प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिये की गई है।





- डॉ नवीन जोशी

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