Bhopal: 28 मार्च 2018। सीआईआई यंग इंडियन्स ने बच्चों के यौन शोषण के खिलाफ जागरूकता अभियान के तहत शहर के मॉम टू मॉम स्कूल में एक 'गुड टच-बैड टच' वर्कशॉप का आयोजन कराया। इस कार्यक्रम में बच्चों को यौन शोषण के संबंध में जागरूक करते हुए, गुड टच और बैड टच के बारे में विस्तार से समझाया गया। यंग इंडियन्स के मासूम वर्टिकल की चेयर और वर्कशॉप की स्पीकर सोनाली तिवारी ने बच्चों को बताया कि उनके शरीर पर उनका सबसे अधिक अधिकार है और अगर शरीर के किसी अंग विशेष पर छूने से उन्हें असहज महसूस होता है तो उन्हें तुरंत अपने माता-पिता या शिक्षकों को सूचित करना चाहिए। कार्यक्रम में मौजूद यंग इंडियन्स के भोपाल चैप्टर के चेयर सौरभ शर्मा ने बताया, "2017 की नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर घंटे 4 बच्चे यौन शोषण का शिकार होते हैं।"
संस्था के भोपाल चैप्टर के को-चेयर अपूर्व मालवीय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2016-17 के दौरान प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड फ्रॉम सेक्शुअल ऐब्यूज ऐक्ट के तहत भोपाल में 89 मामले दर्ज हुए। बच्चों को 'स्विम सूट रूल' के बारे में भी बताया गया। इस नियम के मुताबिक, शरीर का जितना हिस्सा स्विम सूट द्वारा कवर होता है, वह संवेदनशील होता है। बच्चों को सिखाया गया कि अगर इस हिस्से में आपके माता-पिता या उनकी मौजूदगी में डॉक्टर के अलावा कोई और छूता है, तो उसे 'बैड टच' समझें और अभिभावकों या शिक्षकों को तुरंत बताएं।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित स्कूल की प्रिंसिपल प्रीति वर्मा ने स्थिति की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए कहा कि बच्चों के यौन शोषण के अधिकतर मामलों में घर के रिश्तेदार ही दोषी होते हैं और मासूम बच्चे उनके बैड टच का मतलब समझ ही नहीं पाते। उन्होंने कहा कि बच्चों को जागरूक करके, उनके अंदर बैड टच के खिलाफ न बोलने की हिम्मत पैदा करना ही इस मुहिम का लक्ष्य है।
यंग इंडियन्स ने बच्चों को सिखाया 'गुड टच-बैड टच' का मतलब
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Bhopal
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