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कमलनाथ 838 करोड़ की छिन्दवाड़ा जिला जेल खाली करायेंगे

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1396

Bhopal: शहर से बाहर बनाया जायेगा केंद्रीय एवं जिला जेल काम्पलेक्स

21 फरवरी 2019। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने संसदीय क्षेत्र छिन्दवाड़ा के शहर के अंदर घनी आबादी में बनी सौ साल से भी पुरानी जिला जेल को खाली कराने और इसकी भूमि का व्यावसायिक उपयोग करने का फैसला लिया है। अब इस जेल को छिन्दवाड़ा शहर से बाहर बनाया जायेगा जिसके लिये तीन स्थानों यथा अर्जुनवाड़ी, सारना एवं रोहनाखुर्द में भूमि देखी गई है तथा यहां केंद्रीय जेल, जिला जेल और ओपन जेल तीनों बनेंगी। इसके लिये लोक निर्माण विभाग की प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेंशन यूनिट-पीआईयू को नये जेल काम्प्लेक्स के निर्माण का कार्य सौंप दिया गया है तथा पीआईयू ने नये जेल काम्प्लेक्स की डिजायन बनाने के लिये प्रख्यात आर्किटेक्टों से आफर बुलवा लिये हैं।



नये जेल काम्प्लेक्स को बनाने में करीब 160 करोड़ रुपयों की लागत आयेगी। इस लागत का दो प्रतिशत यानि 3 करोड़ 20 लाख रुपये चयनित आर्किटेक्ट को डिजायन बनाने के लिये दिया जायेगा। यही नहीं, इसी दो प्रतिशत राशि के अधीन चयनित आर्किटेक्ट संस्था को नये जेल काम्प्लेक्स के निर्माण के दौरान अपना एक आर्किटेक्ट साईट पर रखना होगा तथा अन्यथा 50 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से इस दो प्रतिशत राशि में से कटौति की जायेगी।



ऐसी होगी वित्तीय व्यवस्था :

नये जेल काम्पलेक्स को बनाने में आने वाली लागत की पूर्ति प्रथमत: राज्य सरकार के स्रोतों से की जायेगी। तदोपरान्त उसकी भरपाई छिन्दवाड़ा स्थित पुरानी जिला जेल की भूमि का व्यासायिक उपयोग कर की जा सकेगी। इस संबंध में राज्य सरकार के जेल विभाग द्वारा लिखी गई नोटशीट में कहा गया है कि पुनर्घत्वीकरण योजना अथवा पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप योजना-पीपीपी का अनुभव बहुत ही खराब रहा है जिससे इंदौर सांवेर रोड पर नई केंद्रीय जेल का निर्माण वर्ष 2002 से आज पर्यन्त अधूरा है।



130 एकड़ भूमि की दरकार :

जेल मुख्यालय ने नये जेल मुख्यालय को बनाने हेतु छिन्दवाड़ा शहर से बाहर 125 से 130 एकड़ भूमि चिन्हित करने छिन्दवाड़ा कलेक्टर को पत्र लिखा है। गुरुवार को छिन्दवाड़ा जिला जेल के अधीक्षक यजुवेन्द्र बाघमारे ने तीन स्थानों अर्जुनवाड़ी, सारना एवं रोहानाखुर्द में अपेक्षित भूमि देख भी ली है और वे इसके लिये रिपोर्ट तैयार कर शासन-प्रशासन को भेज रहे हैं। वर्तमान छिन्दवाड़ा जिला जेल का निर्माण वर्ष 1873 में हुआ था। उस समय यह जेल 40 एकड़ क्षेत्र में थी परन्तु कालांतर मे उसकी भूमि पर कब्जा होता गया और अब सिर्फ 13 एकड़ भूमि बची है। नोटशीट में कहा गया है कि यह वर्तमान जेल अत्यंत धनी आबादी में आ चुकी है जिससे जेल की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। जेल के अंदर एवं बाहर वर्तमान में कोई स्थान रिक्त भी नहीं है जहां जेल का विस्तार संभव हो सके। इस जेल की भूमि व्यवासयिक हो चुकी है जिसकी कलेक्टर दर रुपये 1 लाख 45 हजार 200 रुपये प्रतिवर्ग मीटर के मान से कुल कीमत लगभग 838 करोड़ रुपये है।



ऐसा होगा नया जेल काम्पलेक्स :

वर्तमान जिला जेल छिन्दवाड़ा में 472 बंदियों को रखने की आवास क्षमता है जिसके विरुध्द औसतन 650 बंदी जेल में परिरुध्द रहते हैं। जेल विभाग ने अपनी नोटशीट में बताया है कि छिन्दवाड़ा एवं उसके आसपास वर्तमान में केंद्रीय जेल होशंगाबाद एवं केंद्रीय जेल नरसिंहपुर कार्यरत हैं जिनमें क्रमश: 163 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत बंदियों की ओवरक्राउडिंग है। इसलिये छिन्दवाड़ा शहर से बाहर समग्र नये जेल काम्प्लेक्स को बनाने की आवश्यक्ता बताई गई है जिसमें एक हिस्से में 700 विचाराधीन बंदियों के लिये एक जिला जेल निर्मित होगी तथा दूसरे हिस्से में होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, नरसिंहपुर, सिवनी एवं बालाघाट जिलों के आजीवन कारावासी बंदियों को सुरक्षित अभिरक्षा हेतु एक हजार बंदी क्षमता की केंद्रीय जेल बनेगी। यह नया जेल काम्प्लेक्स आधुनिक होगा जिसमें सीसीटीवी कैमरे भी होंगे और बंदियों के लिये उद्योग भी होंगे। भविष्य में यहां ओपन जेल भी बनाई जायेगी।





(डॉ. नवीन जोशी)

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