Delhi: 2 अप्रैल 2019। प्रदेश की कमलनाथ सरकार डेढ़ हफ्ते में ही अपने वचन-पत्र के एक बिन्दु के क्रियान्वयन से पलट गई है। गत सात मार्च को उसने वचन-पत्र के बिदु क्रमांक 17.5 जिसमें उल्लेख था कि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में राजनैतिक संगठनों का हस्तक्षेप न हो तथा शिक्षक सम्मानपूर्वक शिक्षण कार्य कर सकें, इस के पालन में निर्देश जारी किये थे कि विवि एवं कालेजों में अनुशासन भंग करने वाले कार्यक्रमों/ धरना/ प्रदर्शन/ रैली/ नारेबाजी आदि पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। परन्तु डेढ़ हफ्ते बाद ही सरकार ने पलटते हुये नया प्रावधान कर दिया कि शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यक्रम, प्रदर्शन आदि के आयोजन के पूर्व संस्था प्रमुख/सक्षम प्राधिकारी की अनुमति आवश्यक होगी।
राज्य सरकार ने नये सिरे से जारी अपने ताजा निर्देश में सभी निजी एवं सरकारी विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों एवं कालेजों के प्राचार्यों से परिसर में अनुशासन बनाये रखने के लिये कहा है कि वे संस्थान के परिसर में शिक्षण कार्यों को बढ़ावा दें। परिसर में सभी शिक्षकों/अधिकारियों/कर्मचारियों का सम्मान विद्यार्थियों द्वारा करना अनिवार्य होगा। संस्था के किसी भी शिक्षक/अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ संस्था में असहिष्णु टिप्पणियां करना निषेध होगा। संस्था की इमारत, फर्नीचर आदि की सुरक्षा करना सभी का दायित्व होगा। शिक्षण संस्थाओं में अनुशासन सुनिश्चित करना होगा। संस्थानों का प्रयोग कर राजनीतिकरण नहीं किया जायेगा। शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यक्रम, प्रदर्शन आदि के आयोजन के पूर्व संस्था प्रमुख/सक्षम प्राधिकारी की अनुमति आवश्यक होगी। शिक्षकों के सम्मान के विपरीत कोई कृत्य किसी भी संगठन/विद्यार्थी द्वारा नहीं किया जायेगा। संस्था के विभिन्न कार्यक्रमों को सभी विद्यार्थी सफल बनाने हेतु नियमों का पालन करेंगे। परिसर में शिक्षण कार्य में व्यवधान डालने/वातावरण दूषित करने एवं शांति भंग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये।
राज्य शासन ने उक्त बिन्दुओं का कड़ाई से पालन करने के लिये कहा है तथा यह भी निर्देशित किया है कि क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा समय-समय पर महाविद्यालयों के निरीक्षण के दौरान उक्त निर्देशों के क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त करें। ताकि शैक्षणिक परिसरों में विद्यार्थी भारतीय परम्परा, नैतिक मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों को अपनाकर परिसर में भारतीय मूल्यों को सुदृढ़ करें और शिक्षण संस्थाओं के परिसरों में उच्च आदर्श एवं अनुशासन स्थापित हो सके।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि पहले उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में धरना, प्रदर्शन आदि प्रतिबंधित किया गया था परन्तु उच्च शिक्षा मंत्री (जीतू पटवारी) ने इसमें बदलाव करने को कहा जिसे अब बदल दिया गया है। अब सक्षम अनुमति से शैक्षणिक परिसरों में धरना, प्रदर्शन आदि हो सकेंगे।
- डॉ. नवीन जोशी
अब विवि एवं कालेजों में धरना, प्रदर्शन, रैली, नारेबाजी प्रतिबंधित नहीं होगी
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