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हॉट सीट भोपाल में दिग्विजय को मिली साध्वी प्रज्ञा से कड़ी चुनौती

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1144

Bhopal: मध्य प्रदेश की हॉट सीट भोपाल में दिग्विजय को मिली साध्वी प्रज्ञा से कड़ी चुनौती

भोपाल संसदीय सीट पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से कड़ी चुनौती मिल रही है.



11 मई 2019। देश में लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण और मध्य प्रदेश में तीसरे का मतदान 12 मई को है. भोपाल में 12 मई को मतदान होना है, जहां कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से कड़ी चुनौती मिल रही है. बीजेपी ने संघ के दबाव में मौजूदा सांसद आलोक संजर का टिकट काटकर साध्वी को मैदान में उतारा है. दिग्गी राजा और साध्वी में हिंदू आतंकवाद के मुद्दे पर निजी लड़ाई छिड़ी हुई है. दिग्विजय सिंह के लिए चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि 8 बार से यह सीट बीजेपी जीत रही है.



बहरहाल, स्थानीय युवाओं की मानें तो उनके लिए धर्म की बजाय रोजगार ज्यादा महत्व रखता है. इसलिए प्रज्ञा को वोट हिंदुत्व पर नहीं, मोदी के लिए देंगे.



गुना सिंधिया परिवार की परंपरागत सीट है. मोदी लहर में भी ज्योतिरादित्य जीते थे. वे फिर से मैदान में हैं. मुकाबले में बीजेपी के डाॅ. केपी यादव, जो सिंधिया के करीबी रहे हैं. यहां यादव बड़ा वोट बैंक है, लेकिन ज्योतिरादित्य मजबूत हैं. क्षेत्र की आठ विधानसभाओं में से 4 कांग्रेस और 4 बीजेपी के पास है.



यहां 8 में से 7 सीटों पर हैं कांग्रेस के विधायक

राजगढ़ से कांग्रेसी दिग्गज दिग्विजय सिंह 2 बार और उनके भाई लक्ष्मण सिंह 5 बार सांसद रहे हैं. इस बार यहां कांग्रेस ने किराड़-धाकड़ महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष मोना सुस्तानी को मौका दिया है. बीजेपी ने ओबीसी वोट बैंक के सहारे मौजूदा सांसद रोडमल नागर पर फिर भरोसा जताया है. दोनों में कड़ी टक्कर है. ग्वालियर के बीजेपी के मौजूदा सांसद नरेंद्र सिंह तोमर इस बार मुरैना से मैदान में हैं. इसलिए यहां से दो बार महापौर रहे विवेक शेजवलकर को टिकट दिया गया है. कांग्रेस ने पिछली बार मोदी लहर में बेहद कम मार्जिन से हारे अशोक सिंह पर दांव खेला है. अशोक सिंह की ग्रामीण सीटों पर पकड़ है और उनका प्लस पाॅइंट यह भी है कि यहां 8 में से 7 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं.



यहां त्रिकोणीय संघर्ष का फायदा हमेशा बीजेपी को हुआ



वहीं चंबल की भिंड सीट में त्रिकोणीय संघर्ष का फायदा हमेशा बीजेपी को हुआ है. बीजेपी ने यहां टिकट बदलकर संध्या रावत को मैदान में उतारा है. उनका टिकट बीजेपी के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है. इधर, कांग्रेस ने इंजीनियर देवाशीष जारड़िया को मुकाबले में खड़ा किया है. दोनों में बराबर का मुकाबला है. हर बार की तरह बीएसपी इस बार भी कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है.



मुरैना में अनूप मिश्रा मौजूदा सांसद हैं, लेकिन नरेन्द्र सिंह तोमर की वजह से उनका टिकट कट गया. ऐसे में यहां ब्राह्मणों की नाराजगी दिख सकती है. कांग्रेस ने 5 बार विधायक रहे मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत को उतारा है. मुरैना 35 वर्षों से बीजेपी के पास है. इस बार कांग्रेस को यहां उम्मीद है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 8 में से 7 सीटें जीती हैं. हालांकि बीएसपी प्रत्याशी करतार सिंह भडाणा कांग्रेस की मुश्किल बन सकते हैं.



बीजेपी का गढ़ है विदिशा



विदिशा बीजेपी का गढ़ है, पिछले 7 चुनाव बीजेपी ने ही जीते हैं. यहां से दो बार जीतीं सुषमा स्वराज इस बार नहीं लड़ रही हैं. ऐसे में बीजेपी के रमाकांत भार्गव और कांग्रेस के शैलेंद्र पटेल में सीधा मुकाबला है. बीजेपी 6 चुनाव से सागर सीट जीत रही है. बीजेपी ने सांसद लक्ष्मीनारायण यादव का टिकट काटकर यादवों से नाराजगी ले ली है जो चंबल की सीटों तक असर डालेगी. हालांकि विधानसभा में बीजेपी को यहां एकतरफा जीत मिली थी. यहां उसके 7 विधायक हैं. बीजेपी ने राज बहादुर को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने प्रभांशु सिंह ठाकुर को मुकाबले में खड़ा किया है, लेकिन अगर यादवों ने पूरी ताकत से कांग्रेस का साथ दे दिया तो बीजेपी को मुश्किल बढ़ जाएगी.

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