Bhopal: 16 दिसंबर 2017। प्रदेश की 550 कृषि उपज मंडियों जिनमें 257 मुख्य मंडियां तथा 293 उप मंडियां शामिल हैं, में अब आम के उत्पाद जिनमें अमचूर या आमचूर या आम खटाई या सूखा आम या आम के सूखे गूदे भी बिक सकेंगे। इससे किसानों को प्रतिस्पर्धात्कम नीलामी में लाभकारी मूल्य मिल सकेगा। आगामी 16 जनवरी 2018 के बाद इन वस्तुओं की कृषि उपज मंडियों में बिक्री होने लगेगी।
राज्य के कृषि विभाग ने एमपी मंडी बोर्ड के प्रस्ताव पर 45 साल पहले बने मप्र कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की उस अनुसूची में संशोधन कर दिया है जिसमें कृषि उपज मंडियों में आने वाली विभिन्न प्रकार की फसलों की सूची है जिन्हें किसान लाते हैं और व्यापारी प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर होने वाली नीलामी में उसकी खरीदी करते हैं। कृषि मंडियों में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसलों की ही खरीदी होती है। अब तक अधिसूचित फसलों में चटनी मसाले तथा अन्य वस्तुओं में तेरह वस्तुयें ही अधिसूचित वस्तुओं के रुप में शामिल थीं जिनमें मिर्ची गीली तथा सूखी, धनिया, हल्दी, लहसून गीला तथा सूखा, अदरक गीला तथा सूखा, मैथीदाना, अजवाइन, इमली, सौंफ, राई, असगन्ध तथा पोस्त तथा खसखस थे परन्तु अब इसमें चौदहवीं नवीन मद अमचूर या आमचूर या आम खटाई या सूखा आम या आम के सूखे गूदे जोड़े गये हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वैसे तो आम और उसके उत्पाद पूरे प्रदेश में ही निकलते हैं परन्तु इनकी तादाद अधिकांशत: सिवनी, पाण्ढुर्ना, छिन्दवाड़ा एवं जबलपुर में है। आम उत्पाद की अब तक मंडियों में बिक्री न होने से व्यापारी किसानों से औने-पौने दाम पर इसकी खरीदी कर लिया करते हैं जिससे किसानों को खासकर वनों में रहने वाले आदिवासियों को उसका लाभ नहीं मिल पाता था। आम उत्पाद को मंडी में खरीदे जाने का प्रावधान करने से किसान इस उत्पाद को मंडियों में ला सकेंगे तथा वहां मंडी कर्मचारी द्वारा लगाई जाने वाली बोली में व्यापारी उसे खरीद सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक दरें मिलने से किसानों को इसका लाभकारी मूल्य मिल सकेगा और उनकी आय एवं जीवन स्तर में वृध्दि हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि कृषि उपज मंडियों में किसान जब अपनी अधिसूचित उपज बेचने के लिये लेकर आते हैं तब उस पर दो रुपया प्रति सैकड़ा मंडी शुल्क नहीं लगता है बल्कि जब व्यापारी इन उपजों की खरीदी करने के बाद इसे मंडी के गेट से बाहर ले जाने लगता है तब उस पर उक्त मंडी शुल्क लगता है जिससे मंडी, सरकार की आय भी बढ़ती है।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि अमचूर या आमचूर या आम खटाई या सूखा आम या आम के सूखे गूदे को राज्य सरकार ने अधिसूचित फसल माना है तथा इनकी बिक्री भी कृष उपज मंडियों में होगी जिससे प्रतिस्पर्धात्मक दरें आने से किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सकेगा।
- डॉ नवीन जोशी
अब मंडियों में किसान आम के उत्पाद अमचूर आदि भी बेच सकेंगे
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Bhopal
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