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अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच दिनोंदिन बढ़ता तनाव

Location: New Delhi                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 18712

New Delhi: ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वो प्योंगयांग के ख़िलाफ़ आर्थिक प्रतिबंधों को और सख़्त करेगा और किम जोंग उन के परमाणु हथियार कार्यक्रमों और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों को रोकने के उद्देश्य से मिसाइल रक्षा प्रणाली को सक्रिय कर देगा.

वहीं उत्तर कोरिया ने और भी मिसाइल और परमाणु परीक्षण करने का फ़ैसला लिया है.

इस स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.



उत्तर कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंध सख़्त करने का क्या असर होगा?

हालांकि उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ व्यापक प्रतिबंध हैं लेकिन उन्हें प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जाता. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के एक अध्य्यन में पाया गया कि उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के अंशों से ज़ाहिर होता है कि उसके इलेक्ट्रोनिक स्रोत चीन के उद्योग से जुड़े हैं.



इसलिए चीन मिसाइल के विशेष प्रतिबंधों को लागू करने के साथ-साथ कोरिया पर आर्थिक रूप से दबाव बनाने के लिए बहुत कुछ कर सकता है.

बीजिंग की समस्या ये है कि वो उत्तर कोरिया शासन का पतन नहीं चाहता. लेकिन मौजूदा प्रतिबंधों का नियम बहुत मुश्किल हो सकता है और उत्तर कोरिया के जीवन को और भी मुश्किल बनाने के लिए कई अतिरिक्त वित्तीय कदम उठाए जा सकते हैं.



समस्या ये है कि विस्तृत प्रतिबंध से उत्तर कोरिया में अकाल पड़ सकता है, कोई भी उत्तर कोरिया को इस हालत में नहीं देखना चाहेगा.



उत्तर कोरिया और चीन ये प्रस्ताव रख चुके हैं कि प्योंगयांग परमाणु विकास के कार्यक्रम संभावित तौर पर ख़त्म कर सकता है अगर अमरीका देश की सरहदों पर धमकी देने वाली गतिविधयां रोक दे. ये क्यों नहीं किया जा रहा?



लंबे समय से अमरीकी नीति का उद्देश्य उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को बंद करने का रहा है लेकिन ये मुमकिन नहीं हो पाया और लगता है कि अब ज़ोर उसे नियंत्रण में करने पर है. ऐसे कोई संकेत नहीं मिलते जिससे ये लगे कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार बंद करने की इच्छा रखता है.



चीन एक कूटनीतिक तरीके से आगे बढ़ने के लिए उत्सुक है और इसके रास्ते भी हैं. उदाहरण के लिए, विभिन्न रियायतों के बदले उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों को सीमित किया जा सकता है. लेकिन ये नाकाम कोशिश पहले की जा चुकी है.



कोरिया प्रायद्वीप के देशों से क्या संधि है?

कोरियाई प्रायद्वीप के आसपास क्या संधियां हैं, क्या कोई भी इसमें शामिल होने के लिए बाध्य है और क्या कोई प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य है?



दक्षिण कोरिया की 1953 से अमरीका के साथ लंबे समय से आपसी रक्षा संधि है और अगर उसे धमकी दी जाती है तो वॉशिंगटन मदद के लिए आएगा.

दक्षिण कोरिया में 28,500 अमरीकी सैनिक और युद्धपोत नियमित रूप से देश में तैनात रहते हैं.



चीन और उत्तर कोरिया के बीच पारस्परिक सहायता और सहयोग के लिए 1961 में हई एक संधि भी है, जिसमें रक्षा से जुड़ी बातें हैं लेकिन ये साफ है कि अगर युद्ध होता है तो चीन उत्तर कोरिया की मदद करेगा.



अमरीकी हमले से बचने के लिए उत्तर कोरिया के पास क्या उपाए हैं?

अगर उत्तर कोरिया फिर परमाणु परीक्षण करता है तो ऐेसे में अमरीका और उसके सहयोगी देशों के हमले से बचने के क्या करेगा?



अगर उत्तर कोरिया युद्ध करता है तो उसका सबसे बुरा असर दक्षिण कोरिया पर पड़ेगा. क्योंकि दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल उत्तर कोरिया के हथियारो की रेंज में है.



निश्चित तौर पर उत्तर कोरिया शुरूआती तौर पर युद्ध में आगे हो सकता है, लेकिन अमरीकी तकनीक और आधुनिक अमरीकी सैन्य मशीन के आगे टिक पाना मुश्किल होगा. उत्तर कोरिया तय तौर पर पूरी तरह ख़त्म हो जाएगा. लेकिन उसके साथ-साथ दक्षिण कोरिया में भी बड़ा विनाश होगा.



अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच जंग छिड़ने पर चीन को क्या रोल होगा?

अगर उत्तर कोरिया अमरीका के जहाज़ को डूबो दे और अमरीका इस पर पलटवार करे तो ऐसे में चीन की भूमिका क्या होगी, क्या इसका मतलब वैश्विक परमाणु यु्द्ध होगा?



चीन इस बढ़ते तनाव से वाकिफ़ है. वो एक मुश्किल स्थिति में है. वो प्योंगयांग के शासन और उसके अस्थिर व्यवहार को पसंद नहीं करता. लेकिन वो ये भी नहीं चाहता कि उत्तर कोरिया के शासन को हटाया जाए क्योंकि वो अमरीका की ओर झुके हुए एकीकृत कोरिया से ख़ुश नहीं होगा. इसके अलावा उत्तर कोरिया के शासन के पतन से लाखों लोग चीन में शरणार्थी बनकर आ सकते हैं.



उत्तर कोरिया हमला करता है तो यूरोप पर क्या असर होगा?

अगर उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और अमरीका पर परमाणु हमला करता है तो यूरोप पर उसका क्या असर पड़ेगा?



उत्तर कोरिया के पास यूरोप तक मारक क्षमता रखने वाले हथियार नहीं है. परमाणु हमले का पर्यावरण पर कितना असर पड़ेगा ये कहना मुश्किल है. ये इसके पैमाने और वायुमंडल की स्थिति पर निर्भर करेगा.



आम उत्तर कोरियाई लोग क्या समझते हैं?

उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ सुरक्षा को लेकर अमरीकी तैयारी के बारे में आम उत्तर कोरियाई क्या जानता है?



उत्तर कोरिया वो देश है, जहां लोग वही जानते हैं जो उनकी सरकार बताती है. ये वो शासन है जो मिसाइलें बना सकता है तो कभी अपने देश को लोगों को मुश्किल से खाना मुहैया करा पाता है.



उत्तर कोरिया के बारे में कहा जाता है कि वो परमाणु हथियारों से लैस अपने दुश्मनों से घिरा है, इसलिए प्योंगयांग की प्रतिक्रिया ऐसे हथियारों को अपने लिए रखकर उच्च सैन्य समाज बनने की है.





- बीबीसी

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