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किसानों की बदहाली और महिला अपराध होगा मुद्दा, मिशन-18 के लिए कांग्रेस का पूर्वाभ्यास

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                                         Views: 2027

Bhopal: मिशन 2018 में भाजपा सरकार को हराने के लिए कांग्रेस किसानों की बदहाली ओर महिला अपराध को मुद्दा बनाएगी।किसानों की आत्महत्या ओर बलात्कार के मामलों में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने दो टीमें बनाई हैं। दोनों टीमें मृत किसानों और दुष्कर्म पीड़ितों के घर जाकर, उनकी परेशानी जानेगी साथ ही सरकार की नाकामी को इनके जरिए उजागर करेगी।



मध्य प्रदेश में किसानों आत्महत्या पर मजबूर ओर महिलाएं प्रदेश मे असुरक्षित हैं कांग्रेस इन्हीं मुद्दों के जरिये मिशन 2018 फतेह करने की कोशिश में है। जी हां मिशन 2018 में किसानों की आत्महत्या ओर दुष्कर्म के मामले कांग्रेस के लिए मुख्य मुद्दे होने जा रहे हैं। इन्हें भुनाने के लिए कांग्रेस ने बाकायदा दो कमेटियां भी बनाई है जो आत्महत्या करने वाले किसानों के ओर दुष्कर्म पीड़ितों के घर जाकर उनकी परेशानियां जानेगी ओर सरकार ने उन्हें कितनी राहत दी इसपर चर्चा करेगी।कोंग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया द्वारा बनाई गई इन कमेटियों पर ए आइसीसी सीधे नजर रखेगी।



किसान उत्पीड़न जांच कमेटी सदस्य



-पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल।



-पूर्व मंत्री राजा पटैरिया।



-विधायक डॉ गोविंद सिंह।



-सचिन यादव



- शौकत हुसैन।



-रामेश्वर पटेल।



महिला उत्पीड़न जांच समिति सदस्य।



-महिला कांग्रेस अध्यक्ष मांडवी चौहान।



-कौशल्या गोटिया।



-शशि राजपूत



-इमारती देवी।



-हिना कांवरे।



कोंग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया द्वारा बनाई गई इन कमेटियों पर ए आइसीसी सीधे नजर रखेगी।

चाहे भावान्तर योजना हो या फसलों के उचित मूल्य न मिलना प्रदेश में किसान परेशान है,जून में मंदसौर में हुए किसान आंदोलन की आग ने प्रदेश को चपेट में ले साबित किया था कि भाजपा सरकार से किसान नाराज है,साथ ही इस दौरान किसानों की मौत ने सरकार के खिलाफ आक्रोश ओर भड़का दिया था।साथ ही मध्य प्रदेश में देश में बलात्कार की राजधानी बन चुका है।एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट ने महिला बलात्कारों में प्रदेश को नंबर 1 पर रखा हैं।



यही वजह है की जनता को आक्रोशित करने वाले इन मुद्दों की दम पर कांग्रेस अगले चुनाव में जाना चाहती है।साथ ही इन कमेटियों से मिले फीडबैक का आधार पर कांग्रेस एक बड़ा जान आंदोलन भिनखडा कर सकती हैं।बहारहाल भाजपा को गुटों में बंटी कांग्रेस किस कदम से कोई फर्क पड़ता नजर नही आ रहा है।



- जिस प्रदेश में कांग्रेस 14 सालों से सत्ता से बाहर हो,जिस प्रदेश में कांग्रेस गुटों में बंटी हो,जहां सरकार की बजाय कौन प्रदेश अध्यक्ष बने इसपर लड़ाई रहती हो,कौन मुख्यमंन्त्री का चेहरा बने इस पर संघर्ष होता हो।उस प्रदेश में कांग्रेस जनता के हितों के मुद्दे कैसे समझ और उठा पाएगी बाद संवाल हैं।



- डॉ. नवीन जोशी

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