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डॉक्टर वेतन खुद तय करे, सरकार का विज्ञापन, स्वास्थ्य विभाग को हर कीमत पर डॉक्टर की दरकार

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                                         Views: 4579

Bhopal: 24 जनवर 2018। डॉक्टरों को कमी से जूझ रही मध्यप्रदेश सरकार ने डॉक्टरों को लुभाने के लिए नया कदम उठाया है।मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी विज्ञापन में सरकार ने डॉक्टरों से अपना वेतन स्वयं तय करने को कहा है।इस विज्ञापन में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को अपना वेतन स्वयं तय कर सरकार के साथ काम करने को आमंत्रित किया गया है।



इस विज्ञापन को गौर से देखिए।इसमें साफ लिखा है कि आप सरकार की नौकरी अपने मनपसंद वेतन पर पा सकते है। जहां देश में इस वक्त बेरोजगारों की भरमार है ये देश का पहला ऐसा विज्ञापन होगा जहां आपको सरकारी नौकरी वो भी आपके मनचाहे वेतन पर मिल सकती है। ये विज्ञापन मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए निकाला है।इसमें विभिन्न श्रेणियों के विशेषज्ञ डॉक्टरों से उनके मनचाहे वेतन पर उन्हें नौकरी देने की बात कही है।



सरकार को चाहिए ये विशेषज्ञ डॉक्टर।

- एनेस्थीसिस्ट

- गयनाकोलॉजिस्ट

- पीडियाट्रिशियन

- रेडियोलॉजिस्ट



सरकार के मुताबिक इस विज्ञापन के जरिये वो शहरों में काम करने वाले डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रो में काम करने के लिए उनके मनचाहे वेतन पर ला सकेंगे।



दरअसल मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अरसे से डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है।स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही खराब प्रबंधन और भ्रस्टाचार के चलते कोई भी डॉक्टर सरकारी नौकरी नही करना चाहता है। हालात ये हैं कि 2016 में लोक सेवा आयोग द्वारा निकली गई 1800 डॉक्टरों के पद के लिए सिर्फ 1200 डॉक्टरों ने आवेदन किये।सरकार ने इनमें से 796 डॉक्टरों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया।लेकिन काउंसिलिंग में पहुचे सिर्फ 583 डॉक्टर ओर जॉइनिंग देने पहुँचे सिर्फ 380 ओर मजे की बात ये है कि इनमें से भी 100 से ज्यादा डॉक्टर जॉइनिंग के बाद से ही गायब है।यही वजह है कि ऐसे हालातों से निपटने के लिए सरकार को अपनी मर्ज़ी से अपना वेतन तय करने का विज्ञापन देना पड़ा।वही कांग्रेस मानती है की प्रदेश का कोई भी डॉक्टर सरकार पर अविश्वास के चलते नौकरी नही करना चाहता।



- चाहे कुपोषण हो या शिशु मृत्यु दर या फिर मातृ मृत्यु दर मध्य प्रदेश सबमे नंबर 1 है,इसकी बड़ी वजह डॉक्टरों की भारी कमी है।ऐसे में सरकार के लिए ये लाज़मी हो जाता है कि डॉक्टरों को सरकार के साथ काम करने के लिए अपना वेतन स्वयं तय करने का लालाच देने की बजाय उन्हें बेहतर सुविधाएं सुरक्षा, आवास ओर भ्रस्टाचार मुक्त माहौल दे ताकि वो बिना किसी डर ख़ौफ़ के जनसेवा कर सकें।





- डॉ. नवीन जोशी

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