नई दिल्ली: 9 अक्टूबर 2016, अमेरिका ने कश्मीर पर पाकिस्तान का राग सुनने से एक बार फिर इनकार करते हुए कहा है कि वह सीमा पार हमले रोके। अमेरिकी अधिकारियों और थिंक टैंकों ने कश्मीर मुद्दे पर इस्लामाबाद के विशेष दूतों से कहा है कि पाकिस्तान अगर यह चाहता है कि कश्मीर पर उसका रुख सुना जाए तो वह सीमा पार हमलों को बंद करे।
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कश्मीर मुद्दे पर विशेष दूत मुशाहिद हुसैन सैयद और शजरा मंसब ने हाल में अमेरिका का दौरा किया था। वे कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका से समर्थन हासिल करने की उम्मीद लेकर गए थे। उनका पांच दिवसीय दौरा शनिवार को समाप्त हुआ, लेकिन वाशिंगटन ने उनका कश्मीर राग सुनने की बजाय दो टूक संदेश दिया।
पाक दूतों ने अपनी यात्रा की शुरुआत में अमेरिका को आगाह किया कि अगर उसने कश्मीर मुद्दे पर हस्तक्षेप नहीं किया तो पाकिस्तान 'चीन-रूस-ईरान' के खेमे में चला जाएगा। अंत में दूतों ने यह कहकर भरोसा जीतने की कोशिश की पाकिस्तान के नीति-निर्माण में सेना की कोई भूमिका नहीं है और गैर सरकारी तत्वों (आतंकियों) को पाक क्षेत्र से गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जा सकती।
अखबार के अनुसार, पाक सरकार ने देश के सैन्य नेतृत्व को हाल में एक कड़ा संदेश भेजा था। उसमें कहा गया कि अगर सीमा पार हमले नहीं रोके गए तो देश पूरी तरह अलग थलग पड़ जाएगा। वाशिंगटन स्थित राजनयिक सूत्रों ने कहा कि पाक ने अपनी सेना द्वारा पहुंचाई गई उस क्षति को महसूस किया, जो उसने आम तौर पर पाकिस्तान की छवि को और खास कर कश्मीर मुद्दे को पहुंचाई है। और वाशिंगटन का फिलहाल जो मिजाज है, उसमें पूरी संभावना है कि वह अपने आकलन में इस चीज को प्रमुखता से उठाएगा।
आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर के हालात का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया, अमेरिकी मीडिया में कश्मीर को जो सहानुभूति मिली थी वह उरी हमले से पीछे चली गई। आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख हो गया। कुछ रिपोर्टों में इस हमले के लिए सीधे पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया गया इस्तेमाल किया गया। कहा गया कि पाकिस्तान आतंकियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देता है।
पाक को अमेरिका ने फिर लताड़ा, कहा- सीमा पार हमले रोके
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नई दिल्ली
👤Posted By: वेब डेस्क
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