Bhopal: 25 सितंबर 2018। मध्य प्रदेश में ड्रग इन्स्पेक्टर अब मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों से प्रदायित मेडिकल डिवाईसेस का भी निरीक्षण कर सकेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने उन्हें भारत सरकार के मेडिकल डिवाईसेस नियम 2017 के तहत मेडिकल डिवाईसेस आफिसर नियुक्त किया है। ये नियम गत 1 जनवरी से पूरे देश में प्रभावशील हैं।
मेडिकल डिवाईसेस के अंतर्गत केथलेटर, सिरिंज, गाज, एडहेसिव बेन्डेज, मेडिकल ग्लोव्ज, ब्लड ग्लूकोज मीटर, सर्जिकल स्ट्रक्चर, ड्रेसिंग, थर्मामीटर, इन्फ्यूजन पम्प, आर्टिफिशियल कार्डिएक मेसमेकर, फीडिंग ट्यूब, पल्स आक्सिमीटर, स्कलपल, इन्सूलिन पम्प, एडहेसिव टेप, फसर्ट एड किट, इलास्टिक बेन्डेज, फीमेल कन्डोम, हीटिंग पेड्स, वाकर्स, इन्जेक्शन पोर्ट, इन्सुलिन पेन, हाईड्रोकोलाईड ड्रेसिंग, काटन बड्स, स्कूप स्ट्रेचर, पोर्टेबल अल्ट्रासाउण्ड, वेपोराईजर, मेडिकल बूट आदि आते हैं जो मेडिकल शाप और अस्पतालों में मरीजों को उपलब्ध कराई जाती हैं।
उक्त मेडिकल डिवाईसेस मानक स्तर के हैं या नहीं और इनकी कीमतें भी निर्धारित दरों के अनुसार हैं या नहीं, इसकी ये ड्रेग इन्स्पेक्टर अब जांच कर सकेंगे। प्रदेश में करीब 53 ड्रेग इन्स्पेक्टर तैनात हैं। ये अब तक सिर्फ दवाओं के ही सेम्पल और उनका रिकार्ड आदि देख रहे थे परन्तु अब ये मेडिकल डिवाईसेस के भी सेम्पल ले सकेंगे तथा उलका रिकार्ड भी चैक कर सकेंगे। साथ ही प्रयोगशाला से इन सेम्पलों की जांच भी करवा सकेंगे।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने गत 1 जनवरी से मेडिकल डिवाईसेस का नया प्रावधान लागू किेया हुआ है। इसी के तहत ड्रेग इन्स्पेक्टरों को मेडिकल डिवाईसेस आफिसर भी घोषित किया गया है।
- डॉ. नवीन जोशी
प्रदेश में ड्रग इन्स्पेक्टर अब मेडिकल डिवाईसेस का भी निरीक्षण कर सकेंगे
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Bhopal
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