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बड़ी होटलों के कर्मियों को अब कराना होगा स्वास्थ्य परीक्षण

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 17733

Bhopal: मध्यप्रदेश की ऐसी बड़ी होटलें जिनमें दस से ज्यादा कर्मचारी नियुक्त हैं, उनका साल में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण कराना होगा। यह नया प्रावधान 57 साल बाद राज्य सरकार द्वारा श्रम विभाग के अंतर्गत मप्र दुकान एवं स्थापना नियम 1959 में किया गया है जो आगामी 4 दिसम्बर के बाद प्रभावशील कर दिया जायेगा।



नवीन प्रावधान के अनुसार, प्रत्येक संस्थान जहां ग्राहकों को खाना, पीना, पेय परोसा जाता है, वहां उसके स्वामी द्वारा सभी कर्मचारियों और स्वयं का वर्ष में कम से कम एक बार सर्टिफाईड सर्जन या जहां पर सर्टिफाईड सर्जन न हो तो सिविल डिस्पेंसरी के प्रभारी डाक्टर द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण कराया जायेगा। परीक्षण कराये गये कर्मचारी का संक्रमणीय बीमारी से मुक्त होने संबंधी चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जायेगा तथा लेबर इन्स्पेटर द्वारा मांगे जाने पर प्रस्तुत किया जायेगा।



इसी प्रकार, अब उक्त होटलों एवं ऐसे परिसंकटमय प्रक्रिया संचालित करने वाले व्यवासायिक संस्थान जिनमें शारीरिक क्षति की आशंका हो या रायसायनिक परिसंकट का जोखित हो, उनमें स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हेतु पूर्वापाय करने होंगे जिनमें शामिल है : परिसर को धल एवं कचरे के जमाव से मुक्त रखना, पर्याप्त वायु व प्रकाश व्यवस्था रखना, साल में एक बार पुताई एवं वार्निशिंग करना तथा नोटिस बोर्ड में उल्लेखित करना कि पिछली पुताई एवं वार्निशिंग कब हुई थी, गीले होने वाले फर्श में पानी की निकासी की व्यवस्था, कर्मकारों के लिये सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना, चूने की परत से ढकी रेत वाला थूकदान रखना, संस्थान के व्यवसाय अनुसार साबुन, तौलिया, नाखुन का ब्रश रखना, पर्याप्त मात्रा में शौचालय एवं मूत्रालय रखना, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण एवं कपड़े रखना, नोटिस बोर्ड के माध्यम से सुरक्षा सूचनाओं एवं चेतावनियों का प्रदर्शन करना, फस्र्ट एड बाक्स रखना।



श्रम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दुकान एवं स्थापना नियमों में कर्मकारों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के उपबंध नहीं थे। केंद्र सरकार ने भी कहा है कि छोटे व्यवसायिक संस्थानों को छोड़ बड़े संस्थानों में कर्मकारों की हेल्थ सिक्युरिटी के प्रावधान किया जाये। इसीलिये अब ये नये प्रावधान किये गये हैं।





- डॉ नवीन जोशी





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