Bhopal: 2 दिसम्बर 2017। बिजनेस के लिए फण्ड जुटाना पहली नहीं बल्कि तीसरी या चौथी प्राथमिकता होनी चाहिए। पहले नंबर पर लोगों की प्रॉब्लम को बेहतर ढंग से सॉल्व करने का आयडिया और इस आयडिया को बिजनेस बनाने के पहले ढेर सारे लोगों से मिलकर मार्केट एक्सेप्टेंस को जानने पर काम करना चाहिए। फोकस और तात्कालिक समझ का अभाव दो ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से 10 में से 6 स्टार्टअप्स फेल हो जाते हैं।
उक्त बात आज देश के जाने माने वेंचर केपिटेलिस्ट वेंकटेश शुक्ला ने आज करियर कॉलेज ऑडिटोरियम में फण्ड रेजिंग एण्ड स्केलेबिलिटी फॉर स्टार्टअप्स विषय पर वैश्विक संस्था दि इण्डस एंटरप्रेन्यर, ग्लोबल (टाई) द्वारा आयोजित एक सेमीनार में कही। टाई भोपाल चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. संदीप कडवे, आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी, विजन एडवायजरी के प्रदीप करमबेलकर तथा करियर कॉलेज के वाइस चेयरमेन मनीष राजोरिया इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे।
भोपाल में जन्में लेकिन बाद में अमेरिका में बसे श्री शुक्ला ने कहा कि एंटरप्रेन्यर वे होते हैं जो सपने देखते हैं और उनको पूरा करने का साहस रखते हैं। जरूरी नहीं कि आप जन्मजात एंटरप्रेन्यर हों आप सीख और समझकर भी बड़ा कारोबार खड़ा कर सकते हैं। आप तभी एंटरप्रेन्यर बनने के बारे में सोचें जबकि आपकी चमड़ी थोड़ी मोटी हो, यानि बहुत से रिजेक्शन झेलने की क्षमता आपमें हो। बेहतर निर्णय और कार्यकुशलता के लिए स्टार्टअप्स में अधिकतम चार पार्टनर्स की संख्या आदर्श होती है।
श्री शुक्ला ने कहा कि कोई भी इन्वेस्टर आपको बिजनेस के लिए तभी पैसे देगा जब आप यह साबित कर पायेंगे कि आपका बिजनेस प्लान पैसा कमाने योग्य है। इसलिए पैसा मांगने वालों की भीड़ में इन्वेस्टर का ध्यान आप तभी आकर्षित कर सकते हैं जबकि आपका आयडिया पैसा बनाने लायक हो। इस अवसर पर श्री शुक्ला ने स्टार्टअप्स द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी दिये।
बिजनेस के लिए पैसा पहली प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए: वेंकटेश
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Bhopal
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