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बेंगलुरु में कावेरी विवाद को लेकर प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में एक शख्स की मौत

Location: बेंगलुरु                                                 👤Posted By: admin                                                                         Views: 17185

बेंगलुरु: कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच तनातनी हिंसा का रूप लेती जा रही है. बेंगलुरु के पास करीब 20 बसों को आग के हवाले कर दिया गया. बेंगलुरु के राजगोपालनगर में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया.



पुलिस ने उस समय गोली चलाई जब भीड़ ने राजागोपाल नगर थाना क्षेत्र के हेग्गनहल्ली में एक गश्ती वाहन पर हमले का प्रयास किया. गुस्साई भीड़ ने तमिलनाडु के पंजीकरण वाली बसों और ट्रकों में आग लगा दी. लक्ष्मी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉक्टर गिरिधर ने बताया कि छर्रे लगने पर दो लोगों को यहां लाया गया था. एक के दिल के पास छर्रे लगे थे, जिसकी मौत हो गई. अन्य को चोट दायीं जांघ पर लगी है, जिसका ऑपरेशन किया जा रहा है.



केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कर्नाटक और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों को सोमवार रात फोन किया और उन्हें केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा राजनाथ सिंह से बात करने के बाद बेंगलुरु में जारी आधिकारिक बयान में स्थिति को 'पूरी तरह से नियंत्रण में' बताया गया. इसमें कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने अतिरिक्त केंद्रीय बल के आग्रह पर 'सकारात्मक रूप से' जवाब दिया. कर्नाटक में हिंसा को चिंताजनक बताते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने सिद्धारमैया को पत्र लिखकर तमिल भाषी लोगों तथा उनकी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए कहा. इससे पहले सिद्धारमैया ने जयललिता से इसी तरह का अनुरोध किया था.





जयललिता ने सिद्धारमैया को आश्वासन दिया कि तमिलनाडु में कर्नाटक के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि सरकार को प्रदर्शन के इस हद तक जाने की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद थी कि अगर फैसला हमारे खिलाफ जाता है तो थोड़ा प्रदर्शन होगा, लेकिन इस हद तक जाने की उम्मीद नहीं थी.' उन्होंने कहा कि बलों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है, विशेषकर जहां तमिलनाडु के लोग और प्रतिष्ठान हैं.



मैसुरु और बेंगलुरु में तमिलनाडु की गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी किए जाने के बाद शहर में बड़े समूहों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई है. तमिलनाडु तक जाने वाली बस सेवाएं भी फिलहाल रोक दी गई हैं. सीमा पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है ताकि राज्य में कोई वाहन प्रवेश न कर सके. स्कूल और कॉलेज भी शहर में बंद हैं.



कर्नाटक में जगह-जगह लोग सड़कों पर निकल रहे हैं और विरोध कर रहे हैं. कई जगहों पर तोड़फोड़ की गई. सड़कों पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात करना पड़ा है. RAF, CRPF की कई कंपनियां तैनात की गई हैं. सैकड़ों लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.



सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को दिए ज्यादा दिन तक कम पानी छोड़ने का आदेश



सोमवार की सुबह चेन्नई के न्यू वुडलैंड्स होटल पर कथित तौर पर एक तमिल संगठन द्वारा हमला किया गया. हमलावरों ने होटल की खिड़कियों के शीशे तोड़े और कुछ पर्चे भी छोड़े जिसमें लिखा गया था कि अगर कर्नाटक में तमिल लोगों पर हमला किया गया तो इसका बदला लिया जाएगा.



इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक इस हमले में 10 लोग शामिल हैं. कर्नाटक से आने वाले पर्यटकों के पांच वाहन जिसमें दो बसें शामिल हैं पर तमिलनाडु में हमला किया गया.



उधर रविवार को बेंगलुरू में एक 22 साल के एक तमिल छात्र को पीटा गया और उसका वीडियो बनाया गया क्योंकि उसने कन्नड़ अभिनेताओं पर कथित तौर पर अभद्र टिप्पणियां कसी थीं, साथ ही कावेरी विवाद पर भी सोशल मीडिया पर लिखा था. पुलिस का कहना है कि उन्हें हमले की जानकारी तभी हुई जब इससे संबंधित एक वीडियो वायरल हुआ. बताया जा रहा है कि उस लड़के के माफी मांगे जाने के बाद इस गुट ने उसे छोड़ दिया.कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने भी अपील की है कि सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले अभियान नहीं चलाए जाएं.



बता दें कि दोनों राज्यों के बीच तब तनाव बढ़ गया जब पिछले हफ्ते कर्नाटक को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह कावेरी नदी से तमिलनाडु के लिए अगले दस दिन तक रोज़ाना 15 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े. कावेरी दोनों ही राज्यों से होकर गुज़रती है. वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें राज्य ने कहा था कि वह 15 हज़ार क्यूसेक पानी नहीं छोड़ पाएगा. इस पर कोर्ट ने अपने आदेश में बदलाव करते हुए कर्नाटक से 20 सितंबर तक हर दिन 12 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा है. आदेश में किए गए इस बदलाव से कर्नाटक को तो कोई राहत नहीं मिली, इसके उलट तमिलनाडु को अब और अधिक पानी मिलेगा.

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