×

में भी कभी पत्रकार बनना चाहती थी - रिया शर्मा

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 19900

Bhopal: भोपाल 1 जून 2017, जवां और चुलबुली कनक राठी पहुंची भोपाल

तू सूरज मैं सांझ पियाजी का प्रसारण दो महीने पहले शुरू हुआ है। यह स्टार प्लस के एक बेहद मशहूर शो दिया और बाती हम का दूसरा सीजन है। इस शो को दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं। पहले शो की विरासत को आगे बढ़ाते हुये रिया शर्मा और अविनेश रेखी दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाने में सफल हुये हैं।



तू सूरज में सांझ पियाजी में बेहद पसंदीदा किरदारों: भाभो, बाबासा और मीनाक्षी की वापसी हुई है। साथ ही इसमें कनक, वेद, वंश और उमा शंकर के रूप में नये कलाकार भी शामिल हुये हैं, जो इस विरासत को आगे बढ़ायेंगे।



इस शो की प्रमुख अभिनेत्री रिया शर्मा आज भोपाल पहुंची। इस दौरान उन्होंने शो और उसमें अब तक के अपने सफर के बारे में बात की। इस शो की वर्तमान कहानी में राठी परिवार और उमा परिवार के बीच कनक संघर्ष कर रही है। कनक अपने परिवार की रक्षा करना चाहती है और इसके लिये वह किसी भी हद तक जा सकती है। मौजूदा हालातों में कनक इस तरह उलझ गई है कि उसे उसके अपने ही परिवार ने बेदखल कर दिया है। हालांकि, इन सबके बीच उमा उसे अपनाता है। उमा के चरित्र और मन को लेकर कनक ने कई गलतफहमियां पाल रखी हैं। इसकी वजह से वह उसे गलत समझती है और उसे लगता है कि उमा ही उसकी सारी परेशानियों का एकमात्र कारण है।



रिया पहली बार भोपाल आई थीं। इस शहर की खूबसूरत वादियों और संरचना ने उनका दिल जीत लिया। बेहद गर्मी से भरी दोपहर होने के बावजूद वह खुद को शहर में घूमने से नहीं रोक पाईं। रिया भोपाल के कुछ खूबसूरत पर्यटन स्थलों पर गईं। उन्होंने अपने कुछ प्रशंसकों से बात की और इस सफर का भरपूर मजा लिया। पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि वे मीडिया के क्षेत्र में आना चाहती थी। उन का नक्ष्य कभी पत्रकार बनना था पर किस्मत नें उन्हें अभिनेत्री बना दिया।



इस शो के विषय में बात करते हुये रिया ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि कनक का किरदार दर्शकों को बेहद पसंद आ रहा है। मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मेरे सह-कलाकार काफी सहयोगी हैं। उनके साथ काम करते हुये मुझे हर दिन कनक को और बेहतर तरीके से समझने का मौका मिलता है। कनक में जिस तरह की मैच्योरिटी(परिपक्वता) है, उसे देखकर मैं उसके साथ पूरी तरह से जुड़ाव महसूस करती हूं। कई बार ऐसा होता है, जब मैं किसी परिस्थिति को लेकर सोचती हूं कि "यदि कनक के साथ ऐसा होता, तो वह क्या करती?" इस सोच से मुझे समस्या को सुलझाने में काफी मदद मिलती है। इस किरदार की कई परतें हैं और मैं पूरी तरह से इसे जीने की कोशिश कर रही हूं।"





Related News

Latest News

Global News