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विधानसभा में व्यापमं मुद्दे पर कांग्रेस का हंगामा

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 21350

Bhopal: शून्यकामध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का गुरुवार को तीसरा दिन था। सदन में कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने व्यापमं मामले में हाल ही में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि वह फैसले से प्रभावित लोगों के संबंध में क्या कार्रवाई कर रही है।



ल के दौरान तिवारी ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि न्यायालय ने 634 से भी ज्यादा छात्रों के दाखिले निरस्त करने का फैसला दिया है। सरकार इन लोगों के संबंध में क्या कार्रवाई कर रही है। उन्होंने इस बारे में स्थगन प्रस्ताव भी दिया है। इस पर अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले दिनों व्यापमं मामले में उच्च न्यायालय का फैसला बरकरार रखते हुए 634 मेडिकल छात्रों का दाखिला निरस्त करने का फैसला दिया है।



मुलताई विधायक चंद्रशेखर देशमुख के विधानसभा में अवैध शराब बिक्री को लेकर प्रश्न पूछा। देशमुख ने विस में सवाल लगाकर मुलताई तहसील के शराब ठेकेदारों, शराब दुकानों, शराब की अवैध बिक्री पर बने प्रकरणों की भी जानकारी मांगी है। विधायक द्वारा सदन में सवाल पूछे जाने के पहले से ही क्षेत्र में आबकारी अमला सक्रिय हो गया लगातार क्षेत्र में दबिश दे रहा हैं। बताया जा रहा है कि विधायक द्वारा यह भी पूछा गया है कि मुलताई पवित्र नगरी क्षेत्र में शराब विक्रय कब तक बंद होगा।



कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने शून्यकाल में ओले से प्रभावित किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ओला प्रभावित किसानों की कुर्की नहीं किए जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन विद्युत मंडल रात में कार्रवाई करते हुए किसानों का घरेलू सामान उठा कर ले जा रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया है। इसी दौरान कांग्रेस विधायक हर्ष यादव ने सागर महापौर अभय दरे के एक कथित ऑडियो का मुद्दा उठाया। ऑडियो में दरे कथित तौर पर एक ठेकेदार से रिश्वत मांगते हुए सुनाई दे रहे हैं।



कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कि सरकार ने संबंधित सवाल में 14 हजार से भी ज्यादा मीटर खराब होने की बात स्वीकार की है। ऐसे उपभोक्ताओं को बिजली के बिल कैसे दिए गए हैं। उन्होंने पूरे प्रदेश में मीटर खराब होने की बात कहते हुए सरकार से पूछा कि क्या पूरे प्रदेश में बिजली के मीटरों की जांच कराई जाएगी। इसी दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल को लेकर एक टिप्पणी कर दी, जिस पर कांग्रेस के सभी सदस्य शोर-शराबा करने लगे। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौरान ही कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।



प्रश्नकाल के ही दौरान कांग्रेस की एक और विधायक सरस्वती सिंह ने सरकार से पूछा कि बिना मीटर के उपभोक्ताओं के बिल का कैसे आकलन किया जाता है। अगर बिना मीटर के बिल तय कर लिया जाता है तो मीटर लगाए ही क्यों जाते हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री पारस चंद्र जैन ने कहा कि इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मानक तय हैं और एक समिति बनाई गई है, जिसमें स्थानीय विधायक को भी शामिल किया गया है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि कोई विधायक ऐसी किसी समिति में नहीं है और न ही कभी उन्हें ऐसी किसी बैठकों में बुलाया गया है।

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