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वैज्ञानिक विधि से होगा उपलब्ध खनिज की वास्तविक मात्रा का आंकलन

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 17849

Bhopal: 21 सितम्बर 2017। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में स्वीकृत तथा चिहिन्त रेत खनिज की खदानों में उपलब्ध खनिज की वास्तविक मात्रा का आंकलन वैज्ञानिक विधि से किया जाएगा। इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर को एक परिपत्र जारी कर विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। यह कार्य प्रति-वर्ष वर्षाकाल की समाप्ति के बाद एक अक्टूबर से 31 दिसम्बर के मध्य आर.क्यू.पी./ ठेकेदार द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से रेत संग्रहण की मात्रा का आंकलन किया जाएगा। संबंधित जिला खनिज अधिकारी से आंकलित मात्रा का सत्यापन भी करावया जाएगा। रेत खदान की सीमाओं के निर्धारण तथा रेत की मात्रा के आंकलन के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश भी दिये गये है।



आंकलन तिथि को रेत की उपलब्ध मात्रा आगामी वर्ष के लिये उत्खनन योग्य मात्रा होगी। एक अक्टूबर को खनन प्रक्रिया प्रारंभ करते समय यदि वर्षाकाल पश्चात संग्रहित रेत खनिज की मात्रा का आंकलन किसी कारणवश नहीं किया जाता है, तो एक अक्टूबर से 31 दिसम्बर के मध्य की अवधि में पट्टेदार द्वारा विगत वर्ष आंकलित की गई रेत खनिज की मात्रा का 50 प्रतिशत खनन योग्य मान्य किया जाएगा। इस प्रकार 50 प्रतिशत मात्रा का आंकलन तिथि को उपलब्ध रेत खनिज की मात्रा में जोड़ा जाएगा। कुल योग का धनात्मक अथवा ऋणात्मक ही आगामी वर्ष के लिये रेत खनन योग्य माना जाएगा।



प्रदेश में प्रति वर्ष वर्षाकाल के पूर्व एवं वर्षाकाल के बाद उत्खनित रेत खनिज की मात्रा एवं संग्रहित रेत खनिज की मात्रा का डेटाबेस तैयार किया जाएगा, जो आगामी वर्ष के लिये खनन योग्य रेत खनिज की मात्रा का आंकलन करने का आधार माना जाएगा। रेत खदान की सीमाओं का निर्धारण और मात्रा का आंकलन खदान नदी की लम्बाई में चिन्हित किया जाएगा। खदान की सीमाएं अक्षांश-देशांश के रूप में निर्धारित की जाएंगी। रेत खदान के दोनों ओर स्थानीय भौगोलिक परिस्थिति अनुसार पर्याप्त क्षेत्र विस्तार कर खदान का सीमांकन किया जाएगा। रेत की मात्रा के आंकलन के पूर्व चिन्हित और स्वीकृत रेत खदान क्षेत्र का पटवारी/राजस्व खसरा नक्शे से मिलान किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चिन्हित खदान क्षेत्र एवं राजस्व नक्शे के स्थल में कोई अंतर नहीं हो।







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