Bhopal: 24 मई 2017, शिवराज केबिनेट ने प्रदेश के सरकारी डाक्टरों को प्रायवेट प्रैक्टिस करने की इजाजत दे दी है। दरअसल ततकलीन दिग्विजय सिंह सरकार ने 13 जनवरी,1999 को सरकारी डाक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर से प्रतिबंध हटाने के आदेश जारी किये थे जिस पर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने निजी प्रैक्टिस करने के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया था। चूंकि यह स्पष्टीकरण केबिनेट से स्वीकृत नहीं थे इसलिये अब जाकर तीन साल बाद इस स्पष्टीकरण को शिवराज केबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर उक्त स्पष्टीकरण लागू कर दिये हैं।
अब इस तरह से कर सकेंगे प्रायवेट प्रैक्टिस :
एक, निजी प्रैक्टिस केवल कत्र्तव्य की अवधि के बाहर की जा सकेगी।
दो, स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत शासकीय चिकित्सक अपने निवास पर निजी प्रैक्टिस के अंतर्गत केवल परामर्श सेवायें ही दे सकेंगे। शासकीय चिकित्सक स्वयं के नाम अथवा परिजन के नाम से कोई क्लीनिक/नर्सिंग होम/निजी चिकित्सालय संचालित नहीं कर सकेंगे। परामर्श सेवायें मात्र पदस्थापना मुख्यालय पर ही दे सकेंगे।
तीन, किसी भी निजी नर्सिंग होम/निजी चिकित्सालय या प्रायवेट क्लीनिक में जाकर किसी भी प्रकार की प्रैक्टिस, जिसमें परामर्श सेवायें भी सम्मिलित हैं, की अनुमति नहीं होगी।
चार, परामर्श हेतु वे केवल मूलभूत उपकरण/इन्स्ट्रूमेंट यथा स्टेथोस्कोप, बीपी इन्स्ट्रूमेंट, ऑपथेल्मोस्कोप, आटोस्कोप, ईसीजी मशीन ही निवास पर रख उपयोग कर सकेंगे।
पांच, ऐसे उपकरण जिनके लिये पृथक से लायसेंस की आवश्यक्ता होती है जैसे एक्स रे मशीन, यूएसजी, ईकोकार्डियोग्राफी मशीन आदि उन्हें अपने निवास पर अपने नाम से पंजीकृत कर कतई नहीं रख सकेंगे।
छह, अपने निवास पर अपने परिजन अथवा अन्य व्यक्ति के नाम से स्थापित/पंजीकृत उपकरणों पर कार्य हेतु स्वयं का नाम रजिस्टर नहीं कर सकेंगे एवं स्वयं उस उपकरण पर कार्य की रिपोर्टिंग नहीं कर सकेंगे।
सात, अन्य ऐसे उपकरण जिनका उपयोग शल्यक्रिया में किया जाता है, उदाहरणार्थ डेन्टल चेयर, याग लेजर मशीन आदि स्वयं के नाम पर अपने निवास पर नहीं रख सकेंगे और न ही निवास पर अन्य किसी परिजन के नाम से रखी गई मशीन पर कार्य करेंगे।
आठ, पैथालॉजी/बायोकेमिस्ट्री जांचों हेतु निजी प्रैक्टिस के लिये कोई उपकरण नहीं रखे जा सकेंगे।
निजी प्रैक्टिस करने पर नहीं मिलेगा दण्ड :
उल्लेखनीय है कि गत फरवरी माह में राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने परिपत्र जारी कर कहा था कि हाईकोर्ट ने निजी प्रैक्टिस प्रतिबंधित करने के विरुध्द गये डाक्टरों को वर्ष 2016 में अंतरिम राहत दी है कि निजी प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डाक्टरों के विरुध्द कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की जाये। यह केवल अंतरिम राहत है न कि प्रकरण हाईकोर्ट ने समाप्त किया है। इसलिये प्रायवेट प्रैक्टिस हेतु निवास पर निजी उपकरण रखने मांग करने वाले सरकारी डाक्टरों को सीएमओ स्वीकृति नहीं दे अन्यथा उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
- डॉ नवीन जोशी
शिवराज केबिनेट ने दी सरकारी डाक्टरों को प्रायवेट प्रैक्टिस की इजाजत
Location:
Bhopal
👤Posted By: प्रतिवाद
Views: 17754
Related News
Latest News
- लोकसभा चुनाव 2024: मतदाता सूची में नाम जोड़ने के बहाने साइबर बदमाशों ने 35 भोपालवासियों को ठगा
- गूगल ने इजरायल विरोधी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
- Apple और Google सरकारों से भी ज्यादा खतरनाक हैं!: टेलीग्राम संस्थापक ड्यूरोव
- आइसक्रीम का मज़ा लें, पर संभलकर!
- भारत में अद्भुत खोज: मेंढक के शरीर से उगता हुआ मशरूम!