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संविदा शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में नियुक्त करने के नियम कड़े होंगे

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 17757

Bhopal: 18 अगस्त 2017। राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया ने संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में नियुक्त करने के नियम कड़े कर दिये हैं तथा नये संशोधित नियमों का प्रारुप जारी कर दिया है जो आगामी 1 सितम्बर के बाद प्रभावशील हो जायेंगे।



ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का संचालन पंचायत विभाग करता है तथा इनमें नियुक्त होने वाले संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में नियोजित या संविलियत करने के लिये नौ साल पहले मप्र पंचायत अध्यापक संवर्ग नियोजन एवं सेवा की शर्तें नियम 2008 बनाये गये थे और इन नियमों के तहत शिक्षाकर्मियों/संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में नियुक्त किया गया था। लेकिन अब अध्यापक संवर्ग में नियुक्त करने के नियम कड़े कर दिये गये हैं।



नये प्रावधानों के अनुसार, संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में नियुक्त होने पर स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने एवं ड्रेस कोड के संबंध में राज्य सरकार के अनुदेशों का पालन करना बाध्यकारी होगा। इसके अलावा संविदा शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में संविलियत होने पर ये नियम भी पालन करने होंगे यथा एक, विद्यालय में उपस्थित होने में नियमितता और समय पालन करना होगा। दो, पाठ्यक्रम संचालित करना और उसे पूर्ण करना होगा। तीन, विनिर्दिष्ट समय के भीतर संपूर्ण पाठ्यक्रम पूरा करना होगा, प्रत्येक बालक की शिक्षा ग्रहण करने के सामथ्र्य का निर्धारण करना होगा और तदानुसार यथा अपेक्षित अतिरिक्त शिक्षण करना होगा। चार, माता-पिता और संरक्षकों के साथ नियमित बैठकें करना होंगी और बालक के बारे में उपस्थिति में नियमितता, शिक्षण ग्रहण करने का सामथ्र्य, शिक्षण में की गई प्रगति और किसी अन्य सुसंगत जानकारी के बारे में उन्हें अवगत कराना होगा। पांच इन नये नियमों के तहत नियोजित एवं संविलियत किये गये संविदा शिक्षकों के कार्य निष्पादन का वार्षिक मूल्यांकन इस हेतु राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किये गये प्रावधानों के अनुसार किया जायेगा।



मप्र अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा के प्रांताध्यक्ष बृजेश शर्मा का इस बारे में कहना है कि वर्ष 2008 के नियमों से करीब 2 लाख 84 हजार संविदा शिक्षक अध्यापक संवर्ग में मर्ज हुये थे। अब करीब पचास हजार संविदा शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में मर्ज किया जाना है। ये संविदा शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भोपाल आकर आंदोलन न करें इसलिये अध्यापक संवर्ग के नियमों में शाला में उपस्थिति और ड्रेस कोड का प्रावधान किया जा रहा है।





- डॉ नवीन जोशी





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