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अभियोजन स्वीकृति के मामले केबिनेट में भेजने होंगे

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 787

भोपाल 7 सितम्बर 2022 । किसी शासकीय सेवक के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के मामले में प्रशासकीय विभाग एवं विधि विभाग में मत भिन्नता होने पर यह मामला अब चेकलिस्ट अनुसार केबिनेट के समक्ष भेजना होगा तथा वहां इस पर निर्णय होगा।
राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों को इस संबंध में नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसमें कहा गया है कि पुनर्विचार पश्चात भी प्रशासकीय विभाग के निष्कर्ष एवं विधि विभाग के अभिमत भिन्न होने की दशा में, प्रशासकीय विभाग प्रकरण संक्षेपिका की 20 प्रतियों के साथ 15 दिवस के अंदर सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से मंत्रि-परिषद समिति के विचारार्थ भेजेगा। प्रशासकीय विभाग मंत्रि-परिषद समिति के निर्णय के अनुसार आदेश जारी करने की कार्यवाही करेगा। प्राय: देखा गया है कि विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत मंत्रि-परिषद समिति के समक्ष विचारार्थ भेजे गये प्रकरण में संक्षेपिका 20 प्रतियों में प्राप्त नहीं होती है, संक्षेपिका स्पष्ट नहीं होती है। इसलिये मंत्रि-परिषद में प्रस्तुत करने हेतु प्रकरण इस प्रकार भेजा जाये। एक संक्षेपिका में अपचारी अधिकारी कौन है एवं उनके वर्तमान तथा तत्समय का पदनाम तथा अपचारी अधिकारी पर कौन से अधिनियमों के तहत किस धारा में प्रकरण प्रस्तुत किया गया है इसका स्पष्ट उल्लेख किया जाय। दो, संक्षेपिका में निर्णय का प्रारूप मय सुसंगत अधिनियम/नियमों की धाराओं का स्पष्ट लेख करते हुए प्रस्तुत किया जाये, जिससे मंत्रि-परिषद समिति के समक्ष प्रकरण प्रस्तुति में त्रुटि होने की संभावना न रहे। तीन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रकरण को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रि-परिषद समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाता है, जिसके लिये प्रशासकीय विभाग एव विधि विभाग के अभिमत का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया जाता है। इसलियक प्रशासकीय विभाग तथा विधि विभाग के अभिमत का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करने हेतु निर्धारित प्रपत्र एवं प्रकरण के परीक्षण हेतु चेक लिस्ट अनुसार मंत्रि-परिषद् के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत करने हेतु प्रकरण उपरोक्तानुसार एवं संदर्भित पत्रों द्वारा जारी किये गये निर्देर्शों का पालन करते हुए ही भेजा जाये।


- डॉ. नवीन जोशी

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