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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की

Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 518

11 सितंबर 2023। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं की पंचायत को संबोधित करते हुए कई घोषणाएं कीं। इन घोषणाओं का उद्देश्य अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं के जीवन की अनिश्चितता को समाप्त करना और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।

मुख्य घोषणाएँ:
सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को मासिक वेतन दिया जाएगा, जो कार्य दिवसों के आधार पर नहीं, बल्कि 50,000 रुपये तक होगा।
अतिथि विद्वानों को शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा मिलेगी।
अतिथि प्रवक्ताओं का मानदेय भी 20,000 रुपये किया जाएगा।
एक अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर अतिथि विद्वानों को उनके आसपास के महाविद्यालय, जहां वे चाहेंगे, में स्थानांतरण की सुविधा दी जाएगी।
अतिथि विद्वान व्याख्याताओं के लिए पीएससी की परीक्षा में 25 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे।
अतिथि विद्वानों को फॉलेन आउट होने से बचाने के लिए व्यवस्था की जाएगी।
अतिथि विद्वानों को प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं, इसको बढ़ाकर अधिकतम 10 प्रतिशत तक अंक दिए जाएंगे।
निरंतर पढ़ाने का कार्य कर रहे किसी अतिथि विद्वान और व्याख्याता को बाहर नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा:
"मध्य प्रदेश काफी बड़ा प्रदेश है, यह देश का दिल है। प्रदेश के इन चार-साढ़े चार हजार लोगों के लिए भी हृदय में स्थान है।"
"अतिथि विद्वान और अतिथि व्याख्याता भी इसके पात्र हैं। उन्हें विद्यार्थियों के भविष्य को बेहतर बनाने का महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है।"
"राज्य शासन अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याताओं को विभिन्न सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।"

दो बहनों ने किया ध्यानाकर्षण:
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि जब वे प्रदेश के विभिन्न जिलों में दौरे पर रहते हैं तो जन समस्याओं की जानकारी भी मिलती है। एक बार दौरे के समय एक महाविद्यालय के उद्घाटन के बाद दो बहनें मिलने का प्रयास कर रही थीं। सुरक्षा कर्मियों के रोके जाने के बाद भी वे अपनी बात कहने के लिए आगे बढ़ रही थीं। कार्यक्रम स्थल पर उनकी तकलीफ की जानकारी मिली। कार्यक्रम पूरा होने के बाद प्राचार्य के कक्ष में चाय पीने का अनुरोध किया गया। वहीं मैंने बहनों को बुलाकर उनसे चर्चा की। यह दोनों बहनें अतिथि व्याख्याता थीं। इनकी समस्या सुनकर संकल्प ले लिया था कि इस वर्ग की आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा। इन दोनों बहनों के ध्यानाकर्षण किए जाने के पश्चात संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। आज अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं के लिए आवश्यक निर्णयों को लेने का संयोग हुआ है।

अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री की घोषणाओं से अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं में खुशी का माहौल है। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।



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