28 सितंबर 2023। मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अब तक अपने सात सांसदों को चुनावी मैदान में उतार दिया है, जिनमें से तीन तो केंद्रीय मंत्री हैं। यह एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि 2018 के चुनाव में बीजेपी ने अपने किसी भी सांसद को विधायक नहीं बनाया था।
इस रणनीति की सफलता या विफलता पर कई तरह के विचार हैं। कुछ लोग इसे मास्टर स्ट्रोक मानते हैं, जबकि कुछ इसे जोखिम भरा मानते हैं।
बीजेपी की इस रणनीति के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक कारण यह हो सकता है कि बीजेपी को लगता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को हराने के लिए उसे मजबूत चेहरों की जरूरत है। सांसद और केंद्रीय मंत्री होने के नाते ये चेहरे जनता के बीच अच्छी तरह से पहचाने जाते हैं और उनमें चुनाव जीतने की क्षमता होती है।
दूसरा कारण यह हो सकता है कि बीजेपी को अपने सांसदों को मजबूत बनाने की जरूरत है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपने सांसदों की जीत सुनिश्चित करने के लिए मजबूत तैयारी करनी होगी। मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ना उनके लिए एक अच्छा अभ्यास होगा।
तीसरा कारण यह हो सकता है कि बीजेपी को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं। 2023 के चुनाव में बीजेपी को जीतने के लिए उसे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व को मजबूत करने की जरूरत है। सात सांसदों को विधायक बनाकर बीजेपी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
बीजेपी की यह रणनीति सफल हो सकती है, लेकिन इसके लिए उसे कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि सात सांसद चुनाव जीतें। अगर कोई भी सांसद चुनाव हार जाता है, तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका होगा।
दूसरा, बीजेपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सात सांसद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व को मजबूत करें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो यह शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व को कमजोर करेगा।
तीसरा, बीजेपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सात सांसद विधानसभा में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ा नुकसान होगा।
मास्टर स्ट्रोक: इस रणनीति के समर्थकों का तर्क है कि इससे बीजेपी को उन सीटों पर जीतने में मदद मिलेगी जहां वह कमजोर है। इसके अलावा, सांसद पहले से ही लोकप्रिय हैं और उनके पास चुनाव जीतने की अच्छी संभावना है।
मास्टर स्ट्रोक के तर्क:
सांसदों के नामांकन से पार्टी को उन सीटों पर जीतने में मदद मिलेगी जहां वह कमजोर है।
सांसद पहले से ही लोकप्रिय हैं और उनके पास चुनाव जीतने की अच्छी संभावना है।
जोखिम भरा के तर्क:
सांसदों को चुनाव जीतने के लिए अपने संसदीय क्षेत्रों से दूर जाना होगा, जिससे उन्हें स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देने की संभावना कम हो जाती है।
सांसदों के नामांकन से पार्टी के भीतर असंतोष हो सकता है, खासकर अगर उनका मुकाबला मौजूदा विधायकों से होता है।
अगले कदम:
बीजेपी को अब अपने शेष उम्मीदवारों की घोषणा करनी होगी। उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके उम्मीदवार मजबूत हों और चुनाव जीतने की क्षमता रखें।
मध्य प्रदेश चुनाव में बीजेपी की रणनीति: क्या सात सांसदों का दांव कामयाब होगा?
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 1410
Related News
Latest News
- झारखंड और विजयपुर चुनाव परिणामों ने मप्र की राजनीति को दिया नया मोड़
- अब मीडिया के मैदान में मस्क: क्या MSNBC होगा अगला बड़ा अधिग्रहण, X पर पूछा- "इसकी कीमत क्या है?
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिसकर्मियों के साहस की सराहना, कहा- अब डंडे से नहीं, डेटा से करेगी काम पुलिस
- एक ऐसी संस्कृति जहां शादी के बाद भी महिलाएं को संबंध बनाने की होती हैं आजादी
- जियो ने जोड़े सबसे अधिक 'एक्टिव सब्सक्राइबर'- ट्राई
- ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया पर बच्चों की पहुंच रोकने के लिए विधेयक पेश किया