वॉशिंगटन: इस बार का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव मानों US इतिहास के सारे चुनावों से खुद को ज्यादा रोचक बनाने पर आमादा है। अंतिम चरण के चुनाव प्रचार में डेमोक्रैट उम्मीदवार हिलरी क्लिंटन और रिपब्लिकन ट्रंप के बीच अब इकॉनमी अहम मसला बन गई है। वहीं, शनिवार को ट्रंप के बेटे के एक आरती में हिस्सा लेने से उनके कैंपेन में हिंदू प्रतीकों के इस्तेमाल का एक और घटक जुड़ गया है।
शुक्रवार को हिलरी क्लिंटन ने जहां अमेरिका की हालिया जॉब रिपोर्ट की तारीफ की वहीं ट्रंप ने इसे धोखाधड़ी बताकर खारिज किया। 8 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव होना है। अंतिम चरण में दोनों ही कैंडिडेट्स अमेरिकी वोटरों को लुभाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
शुक्रवार को रिलीज हुए रॉयटर्स/Ipsos के पोल के मुताबिक हिलरी अपने प्रतिद्वंद्वी ट्रंप से 5 फीसदी पॉइंट्स से आगे चल रही हैं। नैशनल सर्वे में हिलरी ने अपनी बढ़त बरकरार रखी है पर स्टेट्स में काफी निकट संघर्ष देखने को मिल रहा है। 30 अक्टूबर-4 नवंबर के ओपिनियन पोल में क्लिंटन के पक्ष में 44 फीसदी वोटर नजर आए जबकि ट्रंप को 39 फीसदी वोटरों का समर्थन मिलता दिख रहा है।
शुक्रवार को हिलरी क्लिंटन के कैंपेन में रैपर्स और दूसरे सिलेब्रिटियों की उपस्थिति दिखाई पड़ी। हिलरी की कैंपेनिंग में एक कॉन्सर्ट में बियॉन्से के साथ कई फेमस रैपर सरप्राइज गेस्ट की तरह दिखाई दिए। ट्रंप ने अपनी पेंसिल्वेनिया रैली में इसे लेकर कटाक्ष भी किया। ट्रंप ने कहा कि यहां बस मैं हूं, कोई गिटार नहीं, कोई पियानो नहीं, कुछ नहीं।
उधर ट्रंप हिंदू और भारतीय मूल के वोटरों पर भी खास तवज्जो देते दिखाई दे रहे हैं। पहले ट्रंप ने भारत के विकास और मोदी की तारीफ की, अब उनके बच्चे इस प्रचार को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को ट्रंप के बेटे ने एक आरती में हिस्सा लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: आरती से लेकर आर्थिकी तक
Location:
वॉशिंगटन
👤Posted By: Digital Desk
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