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बीएमएचआरसी पर सीबीआई का छापा, उपकरण खरीदी और मेंटेनेंस में हेराफेरी का मामला

Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1426

भोपाल: 1 फरवरी 2024। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राजधानी के भोपाल मेमोरियल अस्पताल एण्ड रिसर्च सेंटर में उपहरण खरीदी को लेकर छापा मारा है। सीबीआई के 15 अधिकारी दोपहर करीब एक बजे के बाद भानपुर स्थित बीएमएचआरसी अस्पताल में पहुंचे और कर्मचारियों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी। इसके बाद उपकरण खरीदी और मेंटेनेंस संबंधी दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया। सीबीआई अधिकारियों ने रात आठ बजे तक अस्पताल परिसर में स्थापना शाखा से लेकर मेंटेनेंस शाखा और नर्सिंग शाखा से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला है। इसके बाद यह भी कहा जा रहा है कि प्रदेशभर में नर्सिंग फर्जीवाड़े को लेकर की जा रही सीबीआई की कार्रवाई से यह मामला जुड़ रहा है। हालांकि देर रात तक बीएमएचआरसी प्रबंधन ने सीबीआई की छापेमारी किस संबंध में यह स्पष्ट नहीं किया है। सीबीआई के अधिकारियों ने भी मीडिया को किसी भी संबंध में जानकारी नहीं दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष करोड़ों के उपकरण इंजीनियरिंग शाखा व अन्य शाखाओं द्वारा की गई थी। इन उपकरणों के मेंटेनेंस को लेकर भी करोड़ों के हेरफेर के आरोप लगाए गए थे। इसको लेकर सीबीआई मुख्यालय नई दिल्ली तक शिकायत दस्तावेजों के साथ की गई थी। यह छापेमारी उपकरण खरीदी और मेंटेनेंस को लेकर ही हुई है।

अतिथियों को बाहर नहीं जाने दिया गया: छापा मारे जाने के बाद अस्पताल के कर्मचारियों को बाहर जाने से रोक लगाई गई थी और पार्टी स्थगित कर दी गई थी।

उपकरण खरीदी और मेंटेनेंस के संबंध में हेरफेरी का आरोप: सीबीआई ने उपकरण खरीदी और मेंटेनेंस संबंधी दस्तावेजों की जांच की है और इस संबंध में भ्रांतियों की जांच शुरू की गई है। इसमें करोड़ों रुपये के हेरफेर का आरोप है।

नर्सिंग फर्जीवाड़े की जांच: इसके साथ ही, बीएमएचआरसी में नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के बीच फर्जीवाड़े की जांच भी की जा रही है। यह छापेमारी नर्सिंग घोटाले से जुड़ा है जिसमें कई कॉलेजों के छात्र बीएमएचआरसी में इंटर्न कर रहे थे।

कर्मचारियों को बाहर रोका गया: सीबीआई ने कर्मचारियों को बिना उनके अनुमति के अस्पताल परिसर छोडऩे पर रोक लगाई थी। इसके कारण रात आठ बजे सीबीआई की अनुमति के बाद ही करीब एक सैकड़ा कर्मचारी अपने-अपने घर जा रहे थे।

छापेमारी के संबंध में सीबीआई की चुप्पी: छापेमारी के बाद सीबीआई ने अधिकारियों को जानकारी देने में देरी की है और इस संबंध में उनकी चुप्पी बनी हुई है। इसका मतलब है कि दस्तावेजों की जांच के बाद ही वे किसी जानकारी को सार्वजनिक करेंगे।

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