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भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट, जानें इसके फायदे और नुकसान

Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1892

भोपाल: 7 अक्टूबर 2023। भारत में जल्द ही सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू होने वाली है। इसके लिए रिलायंस जियो की सैटेलाइट शाखा और वनवेब को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने लाइव डेमोंसट्रेशन की मंजूरी दे दी है। इस खबर के बाद, कई लोगों के मन में सैटेलाइट इंटरनेट के बारे में कई सवाल उठ रहे हैं। इस लेख में हम आपको सैटेलाइट इंटरनेट क्या है, इसके फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे।

सैटेलाइट इंटरनेट क्या है?
सैटेलाइट इंटरनेट एक वायरलेस कनेक्शन है, जो सैटेलाइट की मदद से जमीन में स्थापित डिश तक पहुंचाया जाता है और फिर मॉडेम की मदद से आपको इंटरनेट मिलता है। इसमें रेडियो वेव्स के माध्यम से कम्युनिकेशन स्थापित किया जाता है। जिस तरह अभी आप डिश टीवी को देखने के लिए एक डिश के माध्यम से नेटवर्क को कैच करते हैं, ठीक इसी तरह सैटेलाइट इंटरनेट के लिए भी एक डिश या डिवाइस आपको दी जाएगी, जिसके माध्यम से आप सीधे नेटवर्क को वायरलेस तरीके से प्राप्त कर पाएंगे। इसमें तार की जरूरत नहीं होगी।

सामान्य इंटरनेट और सैटेलाइट इंटरनेट में अंतर
सामान्य या केबल इंटरनेट में आपको हाई स्पीड डेटा केबल वायर के जरिए मिलता है। यानी अगर गलती से ये वायर कट या टूट जाए तो आपको इंटरनेट मिलना बंद हो जाएगा। लेकिन सैटेलाइट इंटरनेट के साथ ऐसा नहीं है। इसमें वायरलेस तरीके से इंटरनेट आप तक पहुंचाया जाता है, जिसमें तार या टावर की कोई जरूरत नहीं है। इस टेक्नोलॉजी में जमीन से सीधे स्पेस में इंटरनेट भेजा जाता है और ये सीधे आप तक डिश के माध्यम से वायरलेस फॉर्म में पहुंचता है। केबल लाइन कुछ ही जगह तक सीमित है, जबकि सैटेलाइट इंटरनेट हर जगह आपको मिलेगा। यानी अगर आपने एक शहर में कनेक्शन लिया हुआ है तो इसे आप अपने गांव में भी ले जाकर यूज कर सकते हैं।

सैटेलाइट इंटरनेट के फायदे
कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है: सैटेलाइट इंटरनेट एक वायरलेस नेटवर्क है इसलिए इसे कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है। यानी जहां आपका डिश और मॉडेम होगा वहां आपको इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलने लग जाएगी।
ग्रामीण इलाकों में भी काम करता है: सैटेलाइट इंटरनेट उन इलाकों में भी काम करता है जहां केबल/फाइबर लाइन या टावर उपलब्ध नहीं है।
प्राकृतिक आपदाओं में भी काम करता है: प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में सामान्य इंटरनेट में काफी नुकसान होता है और ठीक करने में बहुत समय लग जाता है। लेकिन सैटेलाइट इंटरनेट को आसानी से रिकवर किया जा सकता है।
सैटेलाइट इंटरनेट के नुकसान

महंगा हो सकता है: सैटेलाइट इंटरनेट अभी शुरुआती स्टेज में है इसलिए ये सामान्य इंटरनेट की तुलना में महंगा हो सकता है।
मौसम में खराबी से स्पीड प्रभावित हो सकती है: सैटेलाइट इंटरनेट में स्पेस से आपको कनेक्टिविटी मिलती है। इसलिए अगर मौसम में खराबी हो तो इंटरनेट स्पीड में दिक्कत आ सकती है।
इंस्टॉलेशन मुश्किल हो सकता है: सैटेलाइट इंटरनेट को सामान्य इंटरनेट की तरह खुद से इंस्टॉल नहीं कर सकते। इसके लिए आपको प्रोफेशनल की जरूरत होगी।

सैटेलाइट इंटरनेट एक नई टेक्नोलॉजी है जो भारत में जल्द ही शुरू होने वाली है। यह उन इलाकों में इंटरनेट की पहुंच को बढ़ाने में मदद करेगा जहां केबल/फाइबर लाइन या टावर उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, यह अभी शुरुआती स्टेज में है इसलिए इसमें कुछ कमियां भी हैं, जैसे कि यह महंगा हो सकता है और मौसम में खराबी से स्पीड प्रभावित हो सकती है।

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