नया बजट पास नहीं होने से अमरीका में शुरू हुई बंदी

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 16706

20 जनवरी 2018। अमरीका में नया बजट सीनेट में पास नहीं हो पाया है जिसके बाद प्रशासन ने सरकारी कामकाज बंद होने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.



प्रवासियों और सीमा सुरक्षा पर भारी विवाद के कारण इस बिल को ज़रूरी 60 वोट नहीं मिल पाए हैं. संघीय सरकार को मिलने वाले फंड की ख़ातिर इस बिल को 16 फ़रवरी तक पास होना ज़रूरी है.



ये पहला मौक़ा है जब रिपब्लिकन पार्टी का कांग्रेस में बहुमत है और व्हाइट हाउस में भी उसी का दख़ल है. राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के कार्यालय ने डेमोक्रेटिक पार्टी पर आरोप लगाया है कि "वो बेतुकी मांगों के ज़रिए देश के नागरिकों के लिए मुसीबतें खड़ी कर रही है."



व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा, "उन लोगों के लिए राजनीति प्राथमिकता है ना कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, सेनाओं के परिवारों, बच्चों और देश के नागरिकों के लिए काम कर सकने की हमारी क्षमता."



लेकिन डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर का कहना है कि ट्रंप ने दो द्विदलीय समझौतों को खारिज कर दिया और "कांग्रेस में अपनी पार्टी पर दबाव नहीं बनाया."



अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जब रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियां महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक-दूसरे से सहमत ही नहीं हैं तो इस पर आगे क्या नतीजा निकलेगा.



अमरीका में बंदी



मौजूदा बजट की मियाद शनिवार आधी रात तक ही है.



गुरुवार रात इस पर हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव में इस बात पर मतदान कराया गया था ताकि देश में अगले महीने तक के लिए सरकारी खर्च के लिए ज़रूरी धन को बजट में मंज़ूरी मिले. मतदान का नतीजा 230-197 रहा और बजट 50-49 वोटों के अंतर के कारण पास नहीं हो सका.



पांच रिपब्लिकन नेताओं ने विधेयक के ख़िलाफ़ मतदान किया जबकि पांच डेमोक्रेट नेताओं ने इसका समर्थन किया.



व्हाइट हाउस के आरोप के उत्तर में चक शूमर ने लिखा, "आज हम ख़ुद को जिस स्थिति में देख रहे हैं उसके लिए राष्ट्रपति ट्रंप के सिवा किसी और को दोषी नहीं ठहराया जा सकता."



इससे पहले साल 2013 में बजट संकट के चलते 16 दिनों के लिए सरकार का कामकाज ठप पड़ गया था. इस दौरान कई सरकारी कर्मचारियों को मजबूरन छुट्टी लेनी पड़ी थी.



बजट संकट के कारण कई फ़ेडेरल एजेंसियों को अपने दफ़्तर बंद करने होंगे क्याोंकि क़ानूनी तौर पर कांग्रेस से खर्च के लिए पैसा ना मिलने की सूरत में काम चालू नहीं रखा जा सकता.



देश के राष्ट्रीय उद्यानों और इमारतों को भी बंद कर दिया जाएगा. नागरिकों की सहूलियत के लिए केवल कुछ बेहद ज़रूरी सेवाओं को ही चालू रखा जाएगा.



इन ज़रूरी सेवाओं में सुरक्षाबल, पोस्टल सेवा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, अस्पतालों में सेवाएं और दवाई की दुकानें, आपात सेवा, जेलों की सुरक्षा, टैक्स कार्यालय और बिजली उत्पादन का कामकाज बंद नहीं होगा.



आख़िर मुद्दा क्या है?



डेमोक्रेट नेताओं की मांग है कि 7,00,000 से अधिक ऐसे प्रवासी जिनके पास ज़रूरी दस्तावेज़ नहीं हैं और जो कम उम्र में अमरीका आए थे, उन्हें वापस नहीं किया जाए.



इन लोगों को ड्रीमर्स कहा जाता है. इन्हें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में शुरू किए गए एक कार्यक्रम के तहत अस्थायी नागरिकता दी गई थी.



सितंबर में ट्रंप ने घोषणा की कि वो इस कार्यक्रम को ख़त्म कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के पास इसका विकल्प खोजने के लिए मार्च तक का समय है.



ट्रंप ने कड़े सीमा नियंत्रण के लिए बजट में अमरीका और मेक्सिको के बीच प्रस्तावित दीवार के लिए धन की मांग है.



रिपब्लिकन पार्टी ने कम आय वाले परिवारों के बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम को छह साल आगे बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया है. लेकिन डेमोक्रेट चाहते हैं कि इस कार्यक्रम को स्थायी रूप से आगे बढ़ा दिया जाए.



- बीबीसी हिन्दी

Related News

Global News