20 मार्च 2018। प्रदेश के निजी मेडिकल कालेजों में अप्रवासी भारतीयों के प्रवेश में घोटाला होने और मामला हाईकोर्ट में जाने पर अब राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत मप्र प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने अपने वर्ष 2008 में बने नियमों में से चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले प्रायवेट मेडिकल कालेजों को अलग कर उनके पृथक से प्रवेश एवं फीस के नियम बना दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि पहले प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने तकनीकी एवं चिकित्सा संस्थाओं में प्रवेश एवं फीस के एक ही नियम बनाये थे। जबकि हायर एजुकेशन वाली शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश व फीस के उच्च शिक्षा विभाग ने नियम बनाये थे। लेकिन जब प्रायवेट मेडिकल कालेजों में एनआरआई के प्रवेश में घोटाले की जानकारी सामने आई तो अब प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने प्रायवेट मेडिकल कालेजों में प्रवेश एवं फीस हेतु अलग नियम जारी कर दिये हैं। समिति को तकनीकी, हायर एजुकेशन एवं चिकित्सा शिक्षण संस्था- तीनों में प्रवेश एवं फीस नियंत्रित करने का अधिकार है तथा वह नियम के उल्लंघन पर पेनाल्टी अधिरोपित करती है। लेकिन उसे तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश एवं फीस हेतु तकनीकी शिक्षा विभाग, हायर एजूकेशन में प्रवेश एवं फीस हेतु उच्च शिक्षा विभाग तथा प्रायवेट मेडिकल कालेजों में प्रवेश व फीस हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग से नियम बनवाने पड़ते हैं और फिर वह इन्हें अधिसूचित करती है। इसी के तहत अब उसने प्रायवेट मेडिकल कालेजों में प्रवेश व फीस हेतु नये नियम अधिसूचित किये हैं।
प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा जारी निजी चिकित्सा कालेजों के नियमों में निजी डेंटल कालेज भी शामिल किये गये हैं तथा नये नियमों को ?मप्र चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम 2018? नाम दिया गया है। नये नियमों में अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को 16, अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को 20 तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 14 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा और इसमें एनआरआई प्रवर्ग शामिल नहीं होगा। इसके अलावा, केवल निजी मेडिकल कालेजों में सामान्य वर्ग के अंतर्गत एनआरआई प्रवर्ग को 15 प्रतिशत, सरकारी एवं निजी मेडिकल कालेजों में सभी महिला अभ्यर्थियों को 30 प्रतिशत, दिव्यांगजनों को सरकारी एवं निजी मेडिकल कालेजों में 5 प्रतिशत, स्वतंत्रता सेनानी व सैनिक अभ्यर्थी को एबीबीएस एवं बीडीएस के अंतर्गत केवल शासकीय मेडिकल कालेजों में 3-3 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। नियमों में एनआरआई अभ्यर्थी उसे बताया गया है जोकि अनिवासी भारतीय अथवा अनिवासी भारतीय का फस्र्ट डिग्री ब्लड रिलेटिव अथवा अनिवासी भारतीय पर आश्रित हो।
विभागीय अधिकारी के अनुसार, निजी मेडिकल कालेजों में एनआरआई को प्रवेश देने में घोटाला सामने आया था और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। इसलिये अब इनके नियम अलग से बनाये गये हैं जिसके आधार पर समिति अब कार्यवाही कर सकेगी।
- डॉ नवीन जोशी
मप्र प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने निजी मेडिकल कालेज में प्रवेश के अलग नियम बनाये
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Bhopal 👤By: Admin Views: 2312
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