फ़्रांस में अब कर्मचारियों को छुट्टी के दौरान दफ़्तर के ईमेल से छुटकारा मिलने जा रहा है.
एक जनवरी से वहां एक नया क़ानून लागू हो रहा है जिसके तहत दफ़्तर से बाहर रहने के दौरान कर्मचारियों को ये अधिकार होगा कि वो अपने आधिकारिक ईमेल का जवाब ना दें और ना ही वो किसी को ईमेल भेजने के लिए बाध्य हों.
फ़्रांस में इस क़ानून को 'राइट टू डिसकनेक्ट' कहा जा रहा है.
क़ानून के तहत ऐसी सभी कंपनियां जिनमें 50 या उससे ज़्यादा कर्मचारी हैं, उन्हें अपने चार्टर में साफ-साफ़ लिखना होगा कि उनके स्टाफ़ को किस दौरान दफ़्तर के ईमेल का जवाब देने या नया ईमेल भेजने की बाध्यता नहीं होगी.
फ़्रांस में साल 2000 से ही नियम है कि कोई कंपनी अपने किसी कर्मचारी से हफ़्ते में 35 घंटे से ज़्यादा काम नहीं ले सकती.
'राइट टू डिसकनेक्ट' क़ानून के समर्थक लगातार दलील देते रहे हैं कि छुट्टियों के दौरान या घर में रहने के दौरान आधिकारिक ईमेल चेक करने ने तनाव, अनिद्रा और रिश्तों में खटास जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं.
ये क़ानून मई में लागू किए गए श्रम सुधार क़ानून में से एक है.
हालांकि कुछ कंपनियों ने पहले से ही इस तरह की व्यवस्ता अपने दफ़्तरों में लागू करने की कोशिश की थी.
जैसे जर्मनी की मशहूर वाहन निर्माता कंपनी डाइमलर ने छुट्टियों पर गए कर्मचारियों को एक वैकल्पिक व्यवस्था दी थी कि अगर वो चाहें तो इस दौरान ईमेल पर आउट ऑफ़ ऑफ़िस रिप्लाई की जगह एक ऐसा विकल्प भी चुन सकते हैं जिसमें छुट्टियों के दौरान उनके इनबॉक्स में आई सभी नई ईमेल अपने आप डिलीट हो जाएं.
- बीबीसी
'राइट टू डिसकनेक्ट' क़ानून से मिलेगा दफ़्तर के ईमेल से छुटकारा
Place:
फ़्रांस 👤By: DD Views: 19458
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