Bhopal: 24 मई 2018। प्रदेश में वनोपज खरीदने वाले व्यापारियों को राज्य सरकार ने नई राहत दी है। सरकार ने पिछले 36 सालों से वनोपज की बिक्री पर लग रहे 3 प्रतिशत वन विकास उपकर को खत्म कर दिया है। इसके लिये राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अध्यादेश जारी कर दिया।
ज्ञातव्य है कि वनोपज की बिक्री पर तीन प्रतिशत वन विकास उपकर लगाने के लिये वर्ष 1982 में मप्र कराधान अधिनियम प्रभावशील किया गया था। इस अधिनियम के तहत स्कूल बिल्डिंग उपकर तथा खनिज क्षेत्र विकास उपकर भी लगाने का प्रावधान है। वन विकास उपकर में प्रावधान किया गया था कि वन विभाग, वन विकास निगम, राज्य सहकारी विपणन संघ तथा राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा वनोपज की बिक्री के समय उसे खरीदने वाले व्यापारियों से वनोपज की बिक्री कीमत पर तीन प्रतिशत की दर से वन विकास उपकर वसूला जाये। वन विकास उपकर की राशि बाद में वन विभाग के खाते में जाती थी जिसका उपयोग वह सामाजिक वानिकी, वनीकरण, पुनर्वनीकरण व वनों के पुनर्वास तथा वनों के विकास में करता था।
चूंकि अब प्रदेश सहित पूरे देश में जीएसटी कानून लागू है और उसके अंतर्गत व्यापारियों को टैक्स देना होता है, इसीलिये वनोपज क्रय करने वाले व्यापारियों ने मांग की थी कि अब यह वन विकास उपकर उनसे नहीं लिया जाये। इसीलिये अब राज्य सरकार ने इसे अध्यादेश जारी कर खत्म कर दिया है। विधानसभा के वर्षाकालीन सत्र में इस अध्यादेश को सदन के पटल पर रखा जायेगा तथा विधेयक के रुप में इसे पारित किया जायेगा। कराधान अधिनियम के तहत अब स्कूल बिल्डिंग उपकर तथा खनिज क्षेत्र विकास उपकर पूर्ववत लगता रहेगा।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि वनोपज की बिक्री पर वन विकास उपकर व्यापारियों को देना होता था। चूंकि अब वे जीएसटी दे रहे हैं इसलिये उनकी मांग पर यह उपकर खत्म कर दिया गया है। इसकी प्रतिपूर्ति वित्त विभाग जीएसटी के तहत मिलने वाली राशि में से वन विभाग को करेगा। देश में महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने यह उपकर खत्म किया है।
? डॉ नवीन जोशी
सरकार ने अध्यादेश के जरिये खत्म किया वन विकास उपकर
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Bhopal
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