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जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने से मप्र सरकार ने झाड़ा पल्ला, कहा केंद्र बनाये

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 489

Bhopal: 04 अप्रैल 2023। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने से मप्र सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है तथा कहा है कि यह कानून केंद्र सरकार बनाये।

दरअसल भाजपा विधायक डा. सीतासरन शर्मा ने विधानसभा में यह मामला उठाया था जिस पर विधि मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आश्वासन दिया था कि इस पर कार्यवाही की जायेगी। परन्तु अब इस आश्वासन के पालन के संबंध में विधि विभाग द्वारा विधानसभा को भेजी गई रिपोर्ट में ऐसा कानून बनाने से इंकार कर दिया है। रिपोर्ट में विधि विभाग ने कहा है कि संविधान की सप्तम अनुसूची में विनिर्दिष्ट समवर्ती सूची-3 की प्रविष्टी 20क जनसंख्या नियंत्रण एवं परिवार नियोजन विषय है तथा जनसंख्या नियंत्रण के विषय में कोई कानून बनाया जाना हो तो केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों इसे बनाने का अधिकार रखते हैं परन्तु जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाये जाने की कार्यवाही राष्ट्र स्तर पर नीतिगत निर्णय लिये जाने के उपरान्त ही की जा सकती है क्योंकि देश में विधि की एकरुपता का सिध्दांत लागू है। इसलिये केंद्र सरकार ही कानून बनाये जो सम्पूर्ण देश में एक समान लागू हो। विधि विभाग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि संसद में वर्ष 1983 से लेकर वर्ष 2021 तक सांसदों ने जनसंख्या नियंत्रण संबंधी 31 निजी बिल पेश किये थे जिनमें से अधिकांश लैप्स हो गये हैं, एक वापस ले लिया गया है और कुछ बिल लोकसभा व राज्यसभा में लंबित हैं।

यह उठाया था मुद्दा :
भाजपा विधायक डा. शर्मा ने कहा था कि प्रदेश की बढ़ती जनसंख्या पर प्रभावी कानून के अभाव में बढ़ती बेरोजगारी, पर्याप्त आवासों कमी, अतिक्रमण, सडक़ व रेलगाड़ी से आवागमन के सार्वजनिक साधन की अनुपलब्धता, कृषि भूमि कम होना सहित अनेक समस्यों का निराकरण सरकार और प्रशासन नहीं कर पा रहे हैं। इसलिये जनसंख्या पर प्रभावी नियंत्रण हेतु एक नियत तिथि के बाद दो से अधिक बच्चों वाले पालक को शासकीय ठेके पर रोक, विधायक/सांसद/नगरीय निकाय/पंचायत निकाय/सहकारिता / मण्डी सहित अन्य चुनाव लडऩे पर रोक, राष्ट्रीयकृत बैंकों से शिक्षा / कृषि ऋण सहित अन्य ऋणों पर रोक या बढ़ी दर पर दिए जायें एवं सभी प्रकार के आरक्षण एवं उससे जुड़ी सुविधाओं पर रोक, सभी प्रकार की सरकारी सहायता / सुविधाओं/ अनुदान यथा आवास योजना परिवार सहायता, आयुष्मान सहित अन्य योजना पर रोक, राजनैतिक दल में किसी भी पद / दायित्व से वंचित करने जैसे प्रावधान होने चाहिए।

- डॉ. नवीन जोशी

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