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बरसात के लिए लोगों ने गधों को खिलाये गुलाब जामुन

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 751

भोपाल: 21 अगस्त 2023। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में बारिश न होने के कारण लोगों ने अजीबो-गरीब टोटका किया है। चंद्रपुरा गांव में लोगों ने एक व्यक्ति को गधे पर बैठाकर घुमाया। इसके बाद बरसात होने पर लोगों ने इन गधों को गुलाब जामुन खिलाए।

चंद्रपुरा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले कई दिनों से बारिश के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने पूजा-पाठ और हवन-यज्ञ भी किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए उन्होंने अंत में टोटका करने का फैसला किया।

गांव के एक व्यक्ति को गधे पर बैठाकर गांव के चारों ओर घुमाया गया. इसके बाद जैसे ही बरसात शुरू हुई, तो लोगों ने खुश होकर गधों को गुलाब जामुन खिलाए। ग्रामीणों का मानना है कि यह टोटका कारगर रहा और बारिश हुई है।

हालांकि, इस टोटके को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह टोटका अंधविश्वास है और इससे कुछ नहीं होने वाला है। वे मानते हैं कि बारिश के लिए प्रकृति के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि वे कुछ भी करने को तैयार हैं, ताकि बारिश हो सके। वे मानते हैं कि टोटका एक तरीका है, जिससे वे इंद्र देवता को मना सकते हैं और बारिश करवा सकते हैं।

25 दिनों से नहीं हुई बारिशः पुराने जमाने की एक कहावत बड़ी फेमस है कि "गधे गुलाब जामुन खा गए" लेकिन मालवा इलाके में उसी गधे को संकट के समय शिद्दत से याद किया जाता है। मंदसौर और आसपास के जिलों में पिछले 25 दिनों से बारिश की एक भी बूंद नहीं गिरी है, फसलें बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। ऐसे हालात में यहां के लोगों और किसानों में भारी चिंता ही नजर आ रही है। रूठे हुए इंद्र को मनाने के लिए लोगों ने यहां टोने-टोटके शुरू कर दिए हैं। तीन दिन पहले गुरुवार की रात यहां चंद्रपुरा के लोगों ने गोपनीय तरीके से एक टोना-टोटका करते हुए गांव के एक व्यक्ति और स्थानीय पार्षद शैलेंद्र गिरी गोस्वामी को गधे पर बैठाकर श्मशान में घुमाया। इसके बाद उन्होंने गधों की बैलजोड़ी बनाकर श्मशान में ही फसल की बुवाई की।

ये है परंपराः ऐसा माना जाता है कि शमशान निर्वाण अंतिम समय रहता है। ऐसे हालात को और वर्षा में अंतिम समय जैसा ही तोला जाता है, कि अब अंत समय आ गया है। इसके बाद इंसान को मरना ही है, तो लोग फिर उसी अंत समय से एक नई शुरूआत वहीं से करते हैं। लिहाजा वहां से किसान अपनी फसल की बुवाई कर गांव की ओर बढ़ता है तो वह अपने अंतिम समय से बचकर गांव की बस्ती की ओर आ जाता है। इस टोटके को पिछले कई सालों से यहां परंपरागत रूप से किया जाता रहा है। इन्हीं हालात में लोगों ने गुरुवार की रात को ही ऐसा टोटका किया था और शनिवार की रात जब रिमझिम बारिश की फुहारे गिरी। इसके बाद लोग दोनों गधो को लेकर भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे और पूरा थाल भर कर उन्हें गुलाब जामुन खिला दिए। हालांकि यहां अभी भी फसलों को तृप्त कर देने जैसी बारिश नहीं हुई है। लेकिन मॉनसून के दोबारा आगाज से लोगों में खुशी का माहौल है।



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