Bhopal:
भोपाल 1 दिसंबर 2022। राज्य सरकार अगले वित्त वर्ष के लिये नई आबकारी नीति बनाने में लगी है। इस नई नीति में अब नेपाली बियर को भी जोडऩे की मांग आई है। यह मांग इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी की है और इसके लिये बकायदा मुख्यमंत्री को पत्र भी लिख दिया है।
क्या होती है नेपाली बियर :
जांड (नेपाली) अथवा चयांग (तिब्बती) धुंधले रंग की कम अल्कोहल वाली मदिरा है जिसे नेपाली बियर भी कहा जाता है। यह ज्यादातर चावल से बनाई जाती है जिसमें जड़ी-बुटी का भी इस्तेमाल होता है। यह हल्की होती है, पर नशा जरूर करती है। नेपाली लोग इसे अपने मेहमानों को प्रस्तुत करते हैं।
पत्र में यह लिखा :
सांसद शंकर लालवानी ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि मप्र की नई आबकारी नीति के तहत आदिवासी स्वसहायता समूह के द्वारा निर्मित महुआ शराब नीति में नेपाली समुदाय द्वारा निर्मित नेपाली बियर को भी सम्मिलित किया जाये जिससे इस वर्ग के लोगों को भी विधिमान्य तरीके से इसके निर्माण एवं व्यापार की अनुमति मिल जाये। नेपाली समुदाय की अनीता थापा ने बताया कि मप्र में नेपालियों की संख्या करीब साढ़े चार लाख है जिसमें से अस्सी प्रतिशत नेपाली गुरु पूर्णिमा, दीवाली, दशहरा एवं होली में नेपाली बियर का निर्माण करते हैं और उसे अपने समाज के लोगों को ही परोसते हैं। यदि इसे राज्य सरकार मान्यता देती है तो इससे इस समाज के लोगों में रोजगार के नये अवसर बढ़ जायेंगे। नेपाली संस्कृति परिषद (अंतर्राष्ट्रीय) के राष्ट्रीय सचिव शैलेष गुरंग ने इसके लिये सांसद लालवानी को ज्ञापन देकर मांग की है।
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी का कहना है कि इंदौर क्षेत्र में करीब दस हजार नेपाली रहते हैं। इनके समाज में घरों में नेपाली बियर बनाई जाती है। इस समाज के लोगों ने मुझसे कहा है कि नेपाली बियर को भी नई आबकारी नीति में शामिल किया जाये जिससे वे विधिमान्य तरीके से इसका निर्माण एवं व्यापार कर सकें।
- डॉ. नवीन जोशी
भाजपा सांसद ने नई आबकारी नीति में नेपाली बियर को जोडऩे की मांग की
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Bhopal
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