भोपाल: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित साँची को देश की पहली सोलर सिटी का दर्जा दिया गया है।
साँची में 63 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र घरेलू छतों पर लगाए गए हैं।
साँची सोलर सिटी से वार्षिक 14 हजार टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी।
साँची में ई-व्हीकल को बढ़ावा दिया गया है और चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए गए हैं।
साँची को आईआईटी कानपुर के सहयोग से नेट जीरो शहर बनाने का लक्ष्य है।
6 सितंबर 2023। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज रायसेन जिले में स्थित साँची को सोलर सिटी का दर्जा दिया है। साँची में तीन मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना के फलस्वरूप साँची सोलर सिटी बनी है। निकट भविष्य में गुलगांव में पाँच मेगावाट की सौर परियोजना स्थापित होगी जो कृषि क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी।
साँची सोलर सिटी से वार्षिक 14 हजार टन से अधिक कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 2 लाख 38 हजार से अधिक पेड़ों के बराबर है। ईकोफ्रेंडली सुविधाओं से पर्यावरण प्रदूषण रूकेगा। ई-व्हीकल को बढ़ावा दिया गया है और चार कमर्शियल चार्जिंग पॉइंट तथा तीन ई-रिक्शा चार्जिंग पॉइंट स्थापित कर दिए गए हैं। बैटरी वाहनों के चलने से 9 लाख से अधिक मूल्य के डीजल की भी बचत होगी।
साँची में करीब 7 हजार नागरिकों ने अपने घरों में सोलर स्टेंड लैंप, सोलर स्टडी लैंप, सोलर लालटेन का इस्तेमाल कर बिजली बचाने का संकल्प लिया है। हर घर सोलर की अवधारणा सफल हुई। लगभग 63 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र घरेलू छतों पर लगाए गए हैं। शहर के केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों और प्रतिष्ठानों का इनर्जी आडिट करवाया गया। ऊर्जा साक्षरता आभियान के अंतर्गत साँची के लोगों ने ऊर्जा बचत और ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता का परिचय दिया। प्रतिवर्ष संयंत्रों के उपयोग से करीब 22 लाख रूपए के बिजली के बिल कम होंगे।
साँची को आईआईटी कानपुर के सहयोग से नेट जीरो शहर बनाने का लक्ष्य है। यह शहर पूरी दुनिया को दिशा दिखाएगा। आज पर्यावरण बचाना बहुत आवश्यक है। बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को अक्षय ऊर्जा के उपयोग से पूरा करना है। शीघ्र ही सोलर पम्प भी कृषि कार्यों में मदद करेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने साँची सहित रायसेन एवं विदिशा जिलों में विकास कार्यों की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश के विकास के लिए वे समर्पित हैं।
साँची को सोलर सिटी का दर्जा एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह शहर ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक उदाहरण बनेगा।
मध्य प्रदेश की पहली सोलर सिटी बनी साँची, वार्षिक 14 हजार टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
Views: 499
Related News
Latest News
- IIT से पढ़ीं, करियर में 73 बार मिली हार के बाद खड़ा किया 52000 करोड़ का कारोबार
- कैंसर 'हमारा नया कोविड है' - फाइजर सीईओ
- किसान ने ₹2.5 लाख प्रति किलोग्राम कीमत वाले आमों की सुरक्षा के लिए Z+ स्तर की सुरक्षा तैनात की
- पीथमपुर में होगा यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण, एमपी हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार ने पेश किया जवाब
- एक कंपनी जो आपके मल के लिए 40 हजार रुपये का ऑफर कर रही, यानी सालाना 1.5 करोड़ रुपये