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यूरोपीय संघ ने कारों में गति सीमा का पालन कराने वाली तकनीक को अनिवार्य किया, ब्रिटेन ने इनकार किया

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1750

भोपाल: 29 अप्रैल 2024। यूरोपीय संघ ने 6 जुलाई 2024 से यूरोपीय संघ और उत्तरी आयरलैंड में बेची जाने वाली सभी नई कारों और ट्रकों में "इंटेलिजेंट स्पीड असिस्टेंस" (आईएसए) नामक एक सुरक्षा प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है। यह तकनीक ड्राइवरों को गति सीमा का उल्लंघन करने पर चेतावनी देगी और यदि वे धीमा नहीं करते हैं तो वाहन को धीमा भी कर देगी।

यूनाइटेड किंगडम ने अपनी सड़कों पर आईएसए के अनिवार्य उपयोग का विरोध किया है। हालांकि, वाहनों में यह सुविधा अभी भी स्थापित होगी और ड्राइवरों के पास हर यात्रा पर इसे सक्रिय करने का विकल्प होगा।

आईएसए कैसे काम करता है:
यह प्रणाली वाहन के सामने लगे कैमरे का उपयोग गति सीमा संकेतों को पढ़ने के लिए करती है।
वाहन का सॉफ्टवेयर जीपीएस मैपिंग डेटा और इन संकेतों का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करता है कि वाहन कहाँ है और उस स्थान पर क्या गति सीमा लागू है।
यदि चालक गति सीमा का उल्लंघन करता है, तो आईएसए उन्हें बीप या कंपन करके सचेत करेगा।
यदि ड्राइवर धीमा नहीं करते हैं, तो प्रणाली वाहन की गति को निर्धारित गति सीमा तक कम कर देगी।

लाभ:
यूरोपीय परिवहन सुरक्षा परिषद का अनुमान है कि आईएसए से टकरावों में 30% और सड़क मौतों में 20% की कमी आएगी।
यह तकनीक ड्राइवरों को तेज गति से गाड़ी चलाने से रोकने में भी मदद करेगी।
लीड्स विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि आईएसए के लागू होने से ब्रिटेन में वाहन दुर्घटनाओं से होने वाली चोटों में 12% की कमी आ सकती है।

यूरोपीय संघ बनाम यूके:
यूरोपीय संघ ने 2018 में वाहनों में आईएसए तकनीक को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव रखा था।
उनका मानना ​​है कि यह सड़क सुरक्षा में सुधार करने और सड़क मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यूके का तर्क है कि यह तकनीक ड्राइवरों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करती है और यह अनावश्यक है क्योंकि कई कारों में पहले से ही समान सुविधाएं हैं।

आईएसए सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करने की क्षमता रखता है। हालांकि, इस तकनीक के अनिवार्य उपयोग को लेकर यूरोपीय संघ और यूके के बीच मतभेद हैं। यह देखना बाकी है कि क्या आईएसए सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या को कम करने में सफल होगा।

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