4 नवंबर 2024। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में राज्योत्सव 2024 का भव्य शुभारंभ किया गया। नवा रायपुर के राज्योत्सव ग्राउंड पर छत्तीसगढ़ी कलाकारों के दल ने अपनी अनूठी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मुख्य उपस्थिति में हुआ, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अध्यक्षता की। आयोजन में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री, सांसद, विधायक समेत हजारों लोग शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन
राज्योत्सव के दौरान छत्तीसगढ़ी लोककला के विभिन्न रंग देखने को मिले। सुप्रसिद्ध लोक कलाकार स्व. लक्ष्मण मस्तुरिहा के गीतों ने माहौल को जीवंत कर दिया। रिखी क्षत्रीय की टीम ने छत्तीसगढ़ के तीज-त्योहारों, जैसे तीजा-पोरा, जंवारा, हरेली, गौरी-गौरा पूजा और सुवा नृत्य पर आधारित प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुतियों को दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा।
ढोला-मारू और अन्य प्रस्तुतियों का आकर्षण
लोकगाथा पर आधारित रजनी रजक की ढोला-मारू प्रस्तुति और महेंद्र चौहान के आदिवृंदम नृत्य ने दर्शकों को बांधे रखा। चंद्रभूषण वर्मा की टीम द्वारा भी शानदार प्रस्तुति दी गई, जिसने छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक प्रस्तुत की।
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— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 4, 2024
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संदेश
राज्योत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की एकता पर बल दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश, अलग राज्यों के बावजूद सगे भाइयों की तरह एक रहेंगे। मुख्यमंत्री ने राज्य की 24 साल की विकास यात्रा का जिक्र किया और छत्तीसगढ़ के "विजन डॉक्यूमेंट" के माध्यम से विकसित छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने की प्रतिबद्धता जताई।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का उत्साह
छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के पहले दिन से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर जारी रहा। कार्यक्रमों में पारंपरिक नृत्य और छत्तीसगढ़ी लोककला की प्रस्तुतियों ने राज्योत्सव को यादगार बना दिया।