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पीएचडी चैम्बर द्वारा जीएसटी पर कार्यशाला आयोजित

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Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 21604

Bhopal: 20 अप्रैल 2017, आगामी 1 जुलाई से लागू होने जा रहे वस्तुु एवं सेवा कर -जीएसटी- से संबंधित सॉफ्टवेयर बनाने का जिम्मा 24 कंपनियों को दिया गया है जो जल्द ही इन सॉफ्टवेयर को प्रदर्शित करेंगी। जीएसटी के लागू होने से न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था एक बड़े बदलाव के दौर में प्रवेश करेगी बल्कि इससे निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं से लेकर आमजन तक सभी को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचेगा। तमाम तरह के अलग-अलग करों को एक सिंगल टैक्स सिस्टम में लाने से टैक्स सिस्टम पारदर्शी होने के साथ साथ ज्यादा सरल बनेगा। अब 20 लाख रूपए से अधिक के कारोबार पर जीएसटी अनिवार्य रहेगा।



उक्त जानकारी आज जीएसटी विषय पर आयोजित एक जागरूकता कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई। इस कार्यशाला का आयोजन पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज द्वारा किया गया जिसमें उद्योग एवं कारोबारी जगत के लोगों सहित टैक्स विशेषज्ञों व शासकीय अधिकारियों ने भाग लिया।



इस कार्यशाला को केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के आयुक्त हेमंत ए भाट; मध्यप्रदेश वाणिज्य कर विभाग सहायक आयुक्त, इन्दौर, प्रीति जौहरी, सहायक आयुक्त अनुराग जैन तथा कर सलाहकार आर एस गोयल ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन पीएचडी चैम्बर मध्यप्रदेश के क्षेत्रीय निदेशक आर जी द्विवेदी ने किया।



हेमंत भाट ने अपने उद्बोधन में बताया कि किस तरह केन्द्र एवं राज्य सरकारों के बीच जीएसटी कलेक्ट किया जाएगा व कैसे इसके लागू होने से टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता और एकरूपता आएगी।



कर सलाहकार आर एस गोयल ने कहा कि जीएसटी विभिन्न करों के एकीकरण का एक सुंदर उदाहरण है। सभी संबंधित के बीच इस टैक्स को लगाने से किसी एक व्यक्ति या संस्था पर करों का दबाव घट जाएगा।

प्रीति जौहरी ने कहा कि अब वस्तु अथवा सामान से जुड़ी सेवाओं के लिए एडवांस पर भी कर देय होगा। उन्होंने यह भी बताया कि जिन सामानों पर टैक्स देय हीं होगा उनके लिए सामान्य बिल लागू होंगे तथा जिन पर टैक्स देय होगा उनका टैक्स इनवॉइस जनरेट करना होगा। उन्होंने जीएसटी आर 1,2 और 3 के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।



अनुराग जैन ने कहा कि इस सिस्टम के लागू होने से ट्रकों को टोल नाकों पर रूकना नहीं पड़ेगा जिससे करोड़ों रूपए कीमत के डीजल की बचत की जा सकेगी जिसे वे टोल नाकों पर इंतजार करते हुए जला देते थे।



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