नई दिल्ली: अगर आपने एक निश्चित रकम से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदी है लेकिन उस पर टीडीएस नहीं कटवाया है तो यह आपके लिए भारी गलती साबित हो सकती है। चाहे आपने निर्माणाधीन प्रॉपर्टी खरीदी हो या बना बनाया मकान लिया हो, आपको इसके लिए टैक्स चुकाना होगा।
यदि 50 लाख रु. या उससे अधिक की प्रॉपर्टी ली है तो...
आयकर के नियमों के मुताबिक, यदि आपने 50 लाख रुपए या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदी है तो आपका टीडीएस कटना चाहिए। टीडीएस की यह दर आपके द्वारा विक्रेता को चुकाई गई रकम का 1 फीसदी होती है। यह एक परसेंट हर हाल में उस कीमत पर काउंट होता है जिस कीमत पर आपने प्रॉपर्टी खरीदी है। अब यह जिम्मेदारी खरीददार की है कि वह यह 1 फीसदी टीडीएस सरकार को जमा करवाए। यहां ध्यान रहे कि यह आपके द्वारा चुकाए जाने वाला टीडीएस होगा न कि विक्रेता (जिसने आपको प्रॉपटी बेची है) के हिस्से का। इसलिए यदि यह रकम आप नहीं चुकाते हैं तो टैक्स नोटिस भी आपको ही जाएगा। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदते समय इस टीडीएस की रकम को सरकार के पास जमा करवाने में देरी न करें और समय से जमा करवा दें। 50 लाख रुपए से कम की प्रॉपर्टी पर आपका टीडीएस नहीं कटेगा, इसलिए इससे कम की सेल वैल्यू का मकान खरीदते समय इस बाबत चिंता न करें।
नियम है पुराना लेकिन कई हैं अनभिज्ञ
वैसे बता दें कि यह नियम जून 2013 से लागू है लेकिन इस बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है। टैक्स विशेषज्ञ बताते हैं कि यही कारण है कि सैलरी पर टीडीएस कटवा लेने के बाद भी कई बार टैक्स नोटिस आ जाता है। यह टैक्स सभी प्रकार की प्रॉपर्टीज पर लागू होगा सिवाए कृषि भूमि के।
यदि खरीददार ने टीडीएस नहीं चुकाया है तो टैक्स डिपार्टमेंट जितना टीडीएस कटना था उस पर ब्याज दर लगती रहेगी जोकि देरी से टैक्स चुकाते समय आईटी विभाग को आपको देनी होगी। हमारी सहयोगी वेबसाइट एनडीटीवी प्रॉफिट से इसी मसले पर बात करते हुए केपीएमजी की ग्लोबल मोबिलिटी सर्विसेस, टैक्स, की नेशनल हेड परीजाद सरवाला के मुताबिक, समय पर सरकारी खजाने में टीडीएस न जमा करवाने पर प्रति माह के हिसाब से 1.5 फीसदी की दर से ब्याज दर चुकानी होगी।
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर भी कटेगा टैक्स
यहां यह समझने की गलती न करें कि अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो टैक्स नहीं कटेगा। इस प्रॉपर्टी पर भी टीडीएस नियम लागू होगा। यदि आपने डेवलेपर को किश्तों में रकम चुकाई है या चुका रहे हैं तो आपको प्रत्येक किश्त में से एक फीसदी टीडीएस चुकाना होगा। सरवाला के मुताबिक, किश्त की रकम चाहे कितनी भी कम या ज्यादा क्यों न हो, टीडीएस उस पर लगने का नियम है ही।
ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकते हैं, बस ये ध्यान में रहे..
टैक्स के तहत काटी गई यह रकम टैक्स विभाग को उन 30 दिनों के भीतर चुकानी होगी जिस महीने का टैक्स कटा है। ये 30 दिन महीने के आखिर से काउंट होंगे। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टैक्स विभाग की वेबसाइट पर जाकर आप यह रकम ऑनलाइन भी पे कर सकते हैं।
एक बहुत जरूरी बात यह है कि यदि किसी कारणवश या भूल चूक में आप टैक्स विभाग को फॉर्म 26QB सब्मिट नहीं करवाते हैं या जानकारी पूरी नहीं देते हैं या फिर गलत दे देते हैं तो इस पर अच्छी खासी पेनल्टी आपको देनी पड़ सकती है। यह पेनल्टी 10 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक हो सकती है।
प्रॉपर्टी खरीदी है? यह एक गलती न करें, नहीं तो मिल सकता है टैक्स नोटिस
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