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भारत में 5जी की तैयारी और डिजिटल क्रांति का आगाज

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 287

भोपाल: भारत 5जी तकनीक के अपनाने और तेजी से इसके कार्यान्वयन के साथ डिजिटल क्रांति के नए चरण में प्रवेश कर रहा है। जीएसएमए की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के निरंतर प्रयास, बुनियादी ढांचे में बढ़ता निवेश, और नीतिगत सुधारों के परिणामस्वरूप, 2030 तक देश की आधी आबादी के पास 5जी सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह प्रगति भारत के डिजिटल-प्रथम दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कृषि, और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में मोबाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने के प्रयासों को तेज कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि 5जी न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सुविधाओं की कमी को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भारत में 5जी का महत्व
भारत, जिसकी आबादी 1.4 अरब से अधिक है और जो तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, उन्नत, विश्वसनीय, और उच्च गति कनेक्टिविटी की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है। 5जी तकनीक की शुरुआत देश की निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगी
आर्थिक विकास: 5जी के जरिए 2023 से 2040 के बीच भारत की अर्थव्यवस्था में 36.4 ट्रिलियन रुपये (लगभग 455 बिलियन डॉलर) का योगदान होने का अनुमान है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद में 0.6% से अधिक की वृद्धि होगी।
क्षेत्रीय परिवर्तन: विनिर्माण, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, और कृषि जैसे क्षेत्रों में 5जी के इस्तेमाल से नए ऑपरेटिंग मॉडल और स्मार्ट सिटी जैसे नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा।
डिजिटल समावेशन: देश में डिजिटल पहुंच को और विस्तृत करने के लिए 5जी नेटवर्क कवरेज विशेष रूप से महिलाओं और निम्न-आय समूहों के बीच डिजिटल अंतराल को कम करने में मदद करेगा।
5जी तकनीक अल्ट्रा-लो लेटेंसी, व्यापक मशीन संचार और तेज डेटा गति के जरिए भारत के "डिजिटल इंडिया" मिशन को समर्थन प्रदान करेगी, जिसका उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक तक डिजिटल सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है।

5जी विकास में भारत सरकार की पहल
भारत सरकार ने स्वदेशी विकास, निजी क्षेत्र के सहयोग और नियामक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 5जी नेटवर्क को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें प्रमुख पहलें शामिल हैं:
स्वदेशी टेलीकॉम स्टैक: भारत आरएएन परियोजना के तहत भारत ने ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओआरएएन) के अनुरूप अपना 4जी/5जी टेलीकॉम स्टैक विकसित किया है, जिससे वैश्विक दूरसंचार विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है।
5जी टेस्ट बेड: सरकारी वित्त पोषण के माध्यम से प्रमुख शोध संस्थानों ने एक प्रोग्राम योग्य 5जी टेस्ट बेड बनाया है, जो 5जी और 6जी के विकास में सहायक सिद्ध होगा।
5जी प्रयोगशालाएं: सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर 100 प्रयोगशालाओं की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शहरी प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में 5जी के उपयोग को बढ़ावा देना है।
डिजिटल कम्युनिकेशंस इनोवेशन स्क्वायर (डीसीआईएस) और टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (टीटीडीएफ): ये योजनाएं स्टार्टअप्स और एमएसएमई को 5जी समाधान विकसित करने के लिए सहयोग प्रदान करती हैं।

भारत में 5जी के लिए आगे की राह
5जी के क्षेत्र में प्रगति के बावजूद, देश को कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग में अंतर और उच्च क्षमता वाले नेटवर्क में निवेश की आवश्यकता। 5जी के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदम निम्नलिखित हैं:
ग्रामीण क्षेत्रों में 5जी कवरेज: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में 5जी कवरेज को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे '5जी इंटेलिजेंट विलेज' जैसी पहल को बढ़ावा मिलेगा।
5जी नेटवर्क में घनत्व वृद्धि: 5जी बेस स्टेशनों की संख्या बढ़ाने से शहरी और दूरदराज के क्षेत्रों में कवरेज, गति, और नेटवर्क विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।
अल्ट्रा-रिलायबल लो लेटेंसी कम्युनिकेशन (URLLC): यह तकनीक रिमोट सर्जरी, स्मार्ट फैक्ट्रियों और स्वायत्त वाहनों में उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है।

नीति और विनियामक संवर्द्धन
5जी सेवाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन में सुधार और डेटा सुरक्षा के सख्त मानकों को लागू करने की आवश्यकता है। सरकार ने स्पेक्ट्रम की कीमतें कम करने और राइट ऑफ वे मंजूरी में सुधार के साथ-साथ, साइबर सुरक्षा के सुदृढ़ उपायों पर भी जोर दिया है।

डिजिटल समावेशन और जन जागरूकता
5जी से संबंधित जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि इसका लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंच सके, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों, महिलाओं और वंचित समुदायों तक।

भारत 5जी के जरिए डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बुनियादी ढांचे का विस्तार, स्वदेशी अनुसंधान और विकास, समावेशी नीति निर्माण और 5जी सेवाओं की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करके, भारत 6जी की ओर भी मजबूत कदम बढ़ा रहा है।

- दीपक शर्मा

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