भारत-रूस कृषि व्यापार में 60% की वृद्धि: रूस के उप प्रधानमंत्री

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 444

12 फरवरी 2025। रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पेत्रुशेव ने मंगलवार को भारत के राजदूत विनय कुमार के साथ एक बैठक के दौरान बताया कि पिछले एक वर्ष में भारत और रूस के बीच कृषि और खाद्य व्यापार में 60% से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

पेत्रुशेव ने कहा, "हम द्विपक्षीय व्यापार को और अधिक विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि रूस भारत को वनस्पति तेल, पशुधन और मछली उत्पादों, गेहूं और दालों के निर्यात को बढ़ाने के लिए तैयार है, जबकि भारतीय फलों और सब्जियों के आयात को भी विस्तारित करने की योजना बना रहा है।

भारत-रूस व्यापारिक संबंधों में नई ऊंचाइयांपिछले वित्तीय वर्ष में भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार 65 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया, जिसमें प्रमुख भूमिका भारत द्वारा रूस से तेल के आयात में वृद्धि की रही। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। कृषि क्षेत्र को इस व्यापार विस्तार का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जा रहा है।

भारत का कृषि निर्यात और संभावनाएंकृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के अनुसार, भारत वर्तमान में दुनिया का आठवां सबसे बड़ा कृषि उत्पाद निर्यातक है, जिसका निर्यात 2023-24 में लगभग 48.7 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया। हालांकि, रूस को भारत का कृषि निर्यात अभी भी सीमित है, जो लगभग 340 मिलियन डॉलर तक है। इस निर्यात में ग्वार गम, गैर-बासमती चावल, भैंस का मांस और विभिन्न प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद प्रमुख हैं।

फिर भी, उद्योग विशेषज्ञों को भारतीय निर्यातकों और रूसी खरीदारों के बीच बढ़ती सहभागिता के कारण भविष्य में मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फल उत्पादक है, अपने आम, केले और अंगूर के लिए वैश्विक बाजार में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। इसके अलावा, देश का प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र भी तेजी से विस्तार कर रहा है, जिसका निर्यात पिछले वर्ष लगभग 7.7 बिलियन डॉलर था।

रूसी बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों की बढ़ती संभावनाएंAPEDA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रूस भारतीय निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा, "रूसी बाजार में साबुत अनाज, दालें, बाजरा, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, मसाले और ताजे फल जैसे उत्पादों के लिए व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।"

अधिकारी ने यह भी बताया कि वर्तमान में रूसी सरकार भारतीय कंपनियों के लिए बाजार तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है, जिससे द्विपक्षीय कृषि व्यापार को नई गति मिल रही है।

भारत और रूस के बीच कृषि व्यापार में यह तेजी से हो रही वृद्धि न केवल दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत कर रही है, बल्कि वैश्विक कृषि व्यापार पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल रही है। आने वाले वर्षों में इस सहयोग के और अधिक विस्तार की संभावनाएं प्रबल हैं।

Related News

Global News