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न्याय के लिए संघर्ष के दृढ़ निश्चय से द्रवित हूँ- अमला का किरदार निभाने वाली पंखुरी अवस्थी

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 18325

26 अप्रैल 2017, क्या कुसूर है अमला का? में एक महिला की मासूमियत का हनन होने के एक बेहद संवेदनशील मुद्दे को दिखाया गया है। यह शो तुर्की के शो 'फात्मागुल' का हिंदी रूपांतरण है जोकि दुनिया भर में दर्शकों का दिल जीत रहा है। इसमें धर्मशाला में रहने वाली एक युवा मासूम लड़की अमला की कहानी दिखाई गई है। यौन उत्पीड़न का जघन्य अपराध होने के बाद उसका मानवीयता से पूरी तरह भरोसा उठ जाता है। अमला धर्मशाला में रहने वाली एक युवा लड़की है- वह एक मासूम, साधारण लड़की है, जिसकी बड़ी आंखों में छोटे सपने हैं। मासूम होने के बावजूद वह बेहद सकारात्मकता एवं वास्तविकता की जमीन पर रहती है। यह शो उसके सफर के बारे में हैं, जिसे महसूस होता है कि उसके साथ भले ही जघन्य घटना हुई हो, लेकिन सब कुछ खत्म नहीं हुआ है और उम्मीद हमेशा बची रहती है।



यह शो धर्मशाला की खूबसूरत वादियों की पृष्ठभूमि पर आधारित है और इसमें पुर्णेन्दुु शेखर, नंदिता मेहरा और भैरवीरायचुरा (24फ्रेम्स) द्वारा भारतीय संवेदनशीलताओं को दिखाया गया है। इन चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं को अदा करने के लिए बेहतरीन कलाकारों को लिया गया है। इसमें पंखुरी अवस्थी मुख्य नायिका की भूमिका में हैं और राजवीर सिंह, अनंत जोशी, राजेश खट्टर, अक्षय आनंद और कस्तूरी बनर्जी आदि जैसे नामचीन कलाकारों ने भी अभिनय किया है।



स्टार प्लस जैसा प्रमुख ब्रांड हमेशा से ऐसी कहानियों को दिखाता आया है, जोकि महिलाओं की प्रगति को ध्यान में रखते हुये बदलाव को प्रेरित करती हैं। हमारी प्रत्येक पहल में महिलाओं की प्रगति मुख्य केन्द्र होती है। कहानी के माध्यम से, यह शो समाज को सामाजिक संदेश देता है कि यौन शोषण के पीड़ितों के साथ किये जा रहे बर्ताव को लेकर सहनशीलता खत्म करें। 'क्या कुसूर है अमला का' लोगों से यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के लिए एक सुरक्षित एवं सहयोगी माहौल को बढ़ावा देने का आग्रह करता है। इन पीड़ितों को व्यापक पैमाने पर लोगों, उनके परिवारों एवं समाज द्वारा सहारा दिये जाने की जरूरत है। यह अभियान इस बात का प्रबल समर्थक है कि समाज को पीड़ितों पर शर्म करने के बजाय, उनके अपराधियों को उचित सजा देने की जरूरत है। इस अभियान का उद्देश्य दर्शकों एवं बड़े पैमाने पर समाज को संवेदनशील बनाना है, ताकि यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के सदमे को दूर किया जा सके। टेलीविजन में सार्थक बदलाव लाने की ताकत है और क्या कुसूर है अमला का? इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है।



अपने कॅरियर का एक सबसे चुनौतीपूर्ण किरदार अदा कर रही शो की प्रमुख नायिका पंखुरी अवस्थी ने कहा, "इस शो की एक बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि इसमें प्रत्येक महिला के सबसे बड़े डर को दिखाया गया है। एक महिला होने के नाते, मैं अमला की वास्तविक, अकल्पनीय ताकत से बेहद प्रभावित हूं जो यौन उत्पीड़न की घटना के बाद सदमे में जीती है और अपराधियों को इसकी सजा दिलाने के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रही है। इस शो में महिला के रूप में अमला का किरदार इस शो को इस विषय पर अन्य सभी कंटेंट से अलग खड़ा करता है। समाज के इन दानवों को हराने के लिए अमला की लड़ाई और पीछे हटने से उसका इनकार व सभी बाधाओं का सामना करना दर्शकों को कुछ देर चुप बैठकर यह सोचने के लिए मजबूर करेगा कि 'क्या कुसूर है अमला का?"



भारत में आखिरकार महिलाओं के खिलाफ हो रहे यौन उत्पीड़न के जघन्य अपराध पर चर्चा को चिंगारी मिल रही है। चैनल ने अमिताभ बच्चन के साथ एक कैम्पेन शुरू किया है ताकि 'विक्टिम शेमिंग' के विषय पर चर्चा को आगे बढ़ाया जा सके और इस सवाल को उठाया जा सके कि "यह किसकी गलती है?" चैनल ने एनजीओ जन साहस सोशल डेवलपमेंट सोसायटी के साथ भी गठबंधन किया है। यह एनजीओ वर्ष 2000 से यौन उत्पीड़न के सर्वाइवर्स को सपोर्ट प्रदान करता आया है। पीड़ित उनसे सहायता प्राप्त करने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन 180030002852 के माध्यम से पहुंच बना सकते हैं।





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