बिहार में गठबंधन पर संकट के बादल गहराए

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Place: पटना                                                👤By: PDD                                                                Views: 21580

17 जुलाई 2017। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार का भविष्य अब इस बात पर निर्भर करता है कि सीबीआई द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को झेल रहे उनके उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव साफ-साफ दिए गए संकेतों को समझकर पद छोड़ते हैं या नहीं. वैसे, सोमवार को सभी राजनैतिक पार्टियों का सारा ध्यान इस बात पर है कि सभी सांसद और विधायक अपने ही गुट के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के पक्ष में वोट करें, और सूत्रों के मुताबिक, उसके बाद कांग्रेस इस पर विचार करेगी कि तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार द्वारा हटाया जा सकता है, या 'गठबंधन धर्म' को समझते हुए तेजस्वी स्वयं ही पद छोड़ दें.



बिहार की सरकार तीन पार्टियों द्वारा चलाई जा रही है. तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पास राज्य में सबसे ज़्यादा विधायक हैं, उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का नंबर आता है, और कांग्रेस यहां सबसे छोटी साझीदार है, लेकिन उसी की प्रमुख सोनिया गांधी से लगभग 10 दिन पुराने हो चुके गतिरोध में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री इस बात से नाराज़ हैं कि तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के मामले पर विचार-विमर्श करने के लिए उनसे मुलाकात की कोशिश तक नहीं की, जबकि कांग्रेस का मानना है कि दोनों ही पक्ष - तेजस्वी और नीतीश - अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं.



संकट की 'विशालता' को भांपते हुए - और उसे खत्म करने में होने वाली दिक्कतों को पहचानते हुए नीतीश कुमार ने इस सप्ताह होने वाले अपने दिल्ली दौरे को रद्द कर दिया है. हालांकि इस दौरे का एजेंडा अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से मुलाकात करना था, लेकिन माना जा रहा था कि इसके साथ ही वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे, ताकि दिखा सकें कि उन्होंने मौजूदा गठबंधन को खत्म करने से पहले सभी विकल्पों को आज़मा लिया था. नीतीश कुमार की पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने सप्ताहांत पर सोनिया गांधी से भेंट की थी, और सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया, "भ्रष्टाचार बड़ा खतरा है, और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए... लेकिन कार्रवाई सभी के खिलाफ होनी चाहिए, सिर्फ कुछ चुनींदा लोगों या सिर्फ विपक्ष के खिलाफ नहीं..."



गौरतलब है कि 7 जुलाई को लालू प्रसाद यादव के पटना स्थित घर तथा अन्य ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे थे, और कहा था कि लालू ने केंद्रीय रेलमंत्री रहते हुए पद का दुरुपयोग कर कीमती ज़मीन-जायदाद तेजस्वी यादव सहित अपने बच्चों के लिए कौड़ियों के भाव खरीदीं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने सीबीआई की इस कार्रवाई को लालू यादव के ही सुर में राजनैतिक बदले की कार्रवाई बताया, लेकिन नीतीश कुमार की ओर से इस बयान पर कोई सहमति दर्ज नहीं कराई गई, बल्कि कहा गया कि यादवों द्वारा बचाव में दी जा रही दलील कमज़ोर और अपर्याप्त है, और तेजस्वी यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए.



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