बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद अब जदयू व भाजपा मिलकर सरकार बनाएंगे। बताया जाता है कि गुरुवार को नई सरकार के शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहेंगे।
बेनामी संपत्ति के आरोप में फंसे लालू प्रसाद और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी के इस्तीफे के इन्कार की जिद से परेशान नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद देर रात नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। उधर, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी तेजस्वी प्रसाद को राजद विधानमंडल दल का नेता घोषित करते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया है। देर रात तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
देर रात मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा और जदयू विधायक दल की संयुक्त बैठक में नीतीश कुमार को नया नेता चुना। इसके बाद नीतीश कुंमार कुछ एनडीए नेताओं के साथ राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। सूत्र बताते हैं कि नए मंत्रिमंडल के लिए एनडीए के 14 विधायकों की सूची बनाई जा चुकी है। गुरुवार को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहेंगे।
नीतीश चुने गए एनडीए के नेता
इस बीच भाजपा के विधायक नीतीश कुमार के आवास पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के आवास पर देर रात तक भाजपा के साथ सरकार की रूपरेखा पर चर्चा जारी रही। भाजपा नई सरकार में शामिल रहेगी। भाजपा नेता सुशील मोदी ने बताया कि नीतीश के इस्तीफे के बाद उनके आवास पर जदयू व भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश को नेता चुन लिया गया।
लालू-तेजस्वी ने भी सरकार बनाने का ठोंका दावा
इस बीच देर रात राबड़ी देवी के आवास पर राजद विधानमंडल दल की बैठक हुई। फिर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सरकार बनाने का दावा ठोंकते हुए कहा कि राज्यपाल को विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के नाते राजद को मौका मिलना चाहिए।
देर रात पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने लिखा कि सबसे बड़ा दल होने के कारण राजद को सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।
तेजस्वी बने राजद विधानमंडल दल के नेता
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने महागठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव को राजद विधानमंडल दल का नेता बनाने की घोषणा की है। विदित हो कि विधान सभा में राजद सबसे बड़ी पार्टी है।
इस्तीफा के बाद बोले नीतीश
इसके पहले पद से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि जब कोई रास्ता नहीं छोड़ा तो हमने अपनी राह बदल ली। बुधवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर विधानमंडल दल की बैठक के बीच में ही नीतीश कुमार उठे और अकेले राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे के बाद नीतीश ने कहा कि 20 महीने से भी ज्यादा समय से सरकार चलाया।
गठबंधन धर्म का पालन करते हुए चुनाव के दौरान जिन बातों की चर्चा की उसी के मुताबिक काम करने की कोशिश की। जितना संभव हुआ मैंने काम करने कोशिश की। लेकिन अब सिर्फ भ्रष्टाचार की चर्चा हो रही है। मैंंने बेनामी संपत्ति पर चोट करने की बात कही और नोटबंदी का समर्थन किया तो पीछे कैसे हट सकता हूं?
नीतीश बोले, गलत तरीके से संपत्ति अर्जित किए जाने का मैैंने विरोध किया है। हमेशा यह कहता रहा कि कफन में जेब नहीं होती। हमें लगा कि साथ रह रहे लोगों की सोच का दायरा अलग है। डिस्कोर्स ही बदल गया है। न कोई साझी नीति है और न ही एजेंडा है। सिर्फ रिएक्टिव एजेंडा से काम नहीं चलेगा। इसलिए मैैंने सोचा कि मेरे जैसे व्यक्ति के लिए सरकार चलाना संभव नहीं है।
नीतीश आगे बोले, जब देख लिया कि अब कोई रास्ता नहीं है तो खुद ही राह ही छोड़ दो। अपने आप को अलग कर लो। बिहार के जनमत में जब सिर्फ भ्रष्टाचार की चर्चा हो रही है, तो अंततोगत्वा हमने तय किया कि अब कुछ बचा नहीं है।
कुछ बचा नहीं था, क्या करता
नीतीश ने इस्तीफे पर सफाई दी। कहा कि मैंने तेजस्वी से इस्तीफा नहीं मांगा था, लेकिन सफाई देने को कहा था। वे लोग जिद पर अड़े रहे। पिछले पंद्रह दिनों में मैैं अपने स्तर से पूरा प्रयास किया कि कोई रास्ता निकले पर यह नहीं हुआ। मेरी प्रतिबद्धता बिहार के लोगों के साथ है।
बौखलाए लालू ने कहा, नाटक कर रहे
उधर, महागठबंधन के दुखद अंत से परेशान लालू प्रसाद ने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तेजस्वी के खिलाफ तो केवल भ्रष्टाचार का आरोप है, लेकिन नीतीश कुमार पर तो हत्या का आरोप है। यहां पुत्रमोह की बात नहीं है, बल्कि यह लड़ाई सिद्धांतों की है। भाजपा के साथ जाने के लिए नीतीश ने इस्तीफे का नाटक किया।
महागठबंधन का चैप्टर खत्म
नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही बीस महीने तक चली महागठबंधन की सरकार का अंत हो गया। लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर परेशान लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था। शुरू में ही कहा गया कि यह बेमेल गठबंधन है। आखिरकार इसका अंत हो गया।
नीतीश को मिला भाजपा का साथ
नीतीश के मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिए जाने के कुछ देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नीतीश को इस साहसिक कदम के लिए बधाई दी। भाजपा ने दिल्ली और पटना में बैठक कर नीतीश कुमार को समर्थन देने पर विमर्श किया। तुरंत समर्थन देने का एलान किया गया।
देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक होकर लड़ना,आज देश और समय की माँग है
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2017
भाजपा विधायकों के समर्थन का पत्र बुधवार देर शाम राजभवन पहुंचाया गया। भाजपा के समर्थन से बिहार में नीतीश कुमार नई सरकार बनाएंगे। मुख्यमंत्री आवास पर एनडीए और जदयू विधायकों की संयुक्त बैठक हुई।