राज्य सरकार सभी विभागों से शुल्क लेकर उपलब्ध करायेगी
3 अप्रैल 2020। अब राज्य सरकार अपने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग मैप-आईटी (एमपी एजेन्सी फार प्रमोशन आफ इन्फरमेशन टेक्रालाजी) के माध्यम से गांव, तहसील, ब्लाक, जिलों, सडक़ों, नदियों और आबादी क्षेत्र के डिजिटल नक्शे निर्धारित शुल्क लेकर अपने सभी विभागों को उपलब्ध करायेगी। इन नक्शों से ये विभाग अपनी परियोजनाओं की डीपीआर यानि डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर सकेंगे। इन नक्शों का शुल्क बहुत कम रखा गया है जिससे विभागों के व्यय में काफी कमी आयेगी।
राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने सभी विभागों को इसके बारे में जानकारी भेज दी है। उसने विभागों से कहा है कि अधोसंरचना निर्माण की परियोजनाओं के लिये इन नक्शों से संबंधित शेप फाईल की आवश्यक्ता विस्तृत परियोजनाओं के प्रतिवेदन बनाये जाने के लिये उपयोगी होती है।
यह रहेगा शुल्क :
एक तहसील के सभी गांवों, एक जिले की सभी तहसीलों, एक जिले के सभी ब्लाकों तथा एक तहसील का रोड नेटवर्क लाईन फीचर नक्शों हेतु क्रमश: एक हजार रुपये शुल्क मैप-आईटी द्वारा लिया जायेगा जिसमें 900 रुपये शासकीय मद में जमा होगा और 100 रुपये मैप-आईटी द्वारा सेवा शुल्क के रुप में लिया जायेगा।
इसी प्रकार, राज्य के सभी जिलों, एक जिले की सभी वाटर बाडीज तथा एक जिले की सभी आबादी क्षेत्र के नक्शे क्रमश: 2 हजार रुपये में दिये जायेंगे जिसमें
से 1900 रुपये शासकीय मद में जमा होंगे जबकि 100 रुपये मैप-आईटी द्वारा सेवा शुल्क में लिये जायेंगे।
ये रहेंगी शर्तें :
नक्शे उपलब्ध कराये जाने के पूर्व संबंधित विभाग से यह वचन-पत्र आनलाईन प्राप्त किया जायेगा कि वह इन नक्शों को यथास्वरुप अन्य संस्थाओं या व्यक्तियों को पुन: नहीं बेचेगा। मैप-आईटी के अतिरिक्त अन्य किसी भी विभाग या संस्था से ये नक्शे प्राप्त करने के पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की पूर्व सहमति प्राप्त करना आवश्यक होगा।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने डिजिटल नक्शे निर्धारित दरों पर उपलब्ध कराने की सूचना भेजी है जिस पर हमने सभी कमांड एरिया के मुख्य अभियंताओं से कहा है कि वे प्रदेश में प्रशासनिक सेवाओं, वाटर बाडीज-वेटलैंड एण्ड रिवर, रोड नेटवर्क तथा आबादी क्षेत्रों के नक्शे मैप-आईटी से प्राप्त करें। सर्वे आफ इण्डिया के नक्शे दूर के होते हैं जबकि ये पास के हैं। हालांकि मैप-आईटी के ज्यादातर नक्शे नगरीय क्षेत्रों के हैं तथा डेम एवं नहर बनाने के लिये हमें अपनी तकनीकी क्षमता का ही उपयोग करना होगा।
-डॉ. नवीन जोशी
गांव, तहसील, ब्लाक, जिलों, सडक़ों और नदियों के डिजिटल नक्शे मिलेंगे..
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 744
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