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डिजिटल मीडिया के प्रति शिवराज सरकार का नकारात्मक रुख!

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 2976

कोरोना काल में डिजिटल मीडिया के प्रति अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे शिवराज सरकार ?
आज डिजिटल प्रेस क्लब की महत्वपूर्ण बैठक हुई, बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से डिजिटल मीडिया के प्रति मध्यप्रदेश की भाजपा की शिवराज सरकार के नकारत्मक रुख पर गंभीर चिंतन किया। इस बैठक में डिजिटल मीडिया के प्रति शिवराज सरकार के दुर्भावना पूर्ण रुख पर सभी सदस्यों द्वारा रोष व्यक्त किया गया।कोरोनकाल में पूरी मानवता के सामने जीवन बचाने का गंभीर संकट पैदा हुआ है ऐसे में डिजिटल मीडिया माध्यमों की उपयोगिता को दरकिनार कर सूचनाओं को आम लोगों को तक पहुचाने में व्यवधान पैदा किया जा रहा है।

कोरोनकाल मे सूचना के प्रिंट माध्यमों के सर्कुलेशन में बडी गिरावट दर्ज की गई है तब डिजिटल मीडिया की महत्वपूर्ण उपयोगिता से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन इस परिस्थिति में भी जब लोगों के बीच सूचनाएं बहुत तेजी से पहुंचाए जाने की जरूरत है उसके बाद भी शिवराज सरकार का इस मीडिया माध्यम के प्रति नकारत्मक रुख कोरोना की गंभीरता को लेकर मध्यप्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है?

बैठक में चर्चा के दौरान बहुत सारे विषय आये जिसमें मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार और वर्तमान की शिवराज सरकार के वेब मीडिया के प्रति नकारत्मक रुख को बड़ी गंभीरता से लिया गया।
अक्टूबर 2018 से लेकर अब तक प्रदेश सरकार की ओर से डिजिटल मीडिया को पूरी तरह से नकारा गया। डिजिटल इंडिया और डिजिटल मध्यप्रदेश के नारों के बीच डिजिटल मीडिया के प्रति सरकार का असह्योगपूर्ण रुख़ चिंता पैदा करता है। मध्यप्रदेश के हजारों डिजिटल मीडिया से जुड़े लोग सरकारी इस रवैये की वजह से सड़क पर हैं और आर्थिक दुर्दशा के कारण मरणासन्न स्तिथि के शिकार हो गए हैं।

उपरोक्त स्तिथि में डिजिटल प्रेस क्लब ने तय किया और इस मामले को लेकर संबंधित अफसरों से तत्काल चर्चा की।

इसी तारतम्य में बैठक के तुरंत बाद क्लब के प्रतिनिधि मंडल ने जनसंपर्क आयुक्त से मुलाकात कर पुनः वस्तुस्तिथि से अवगत कराया और पुनर्विचार कर वेब मीडिया के विज्ञापन तत्काल शुरू किए जाने की मांग की।

डिजिटल प्रेस क्लब का स्पष्ट मानना है कि चूंकि ये दौर डिजिटल मीडिया का है और सरकार को इस मीडिया के प्रति सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए और निश्चित समय सीमा में निर्णय लेना चाहिए।

मीडिया चूंकि जनपक्षधर होता है इसलिए स्वाभाविक विपक्ष होता है ऐसे में सरकार का डिजिटल मीडिया के प्रति नकारात्मक रुख विपक्ष का गला घोंटने वाला कदम है। बड़े अधिकारियों द्वारा नेताओं को भ्रमित करने और मुख्यमंत्री के नकारत्मक रुख के कारण डिजिटल मीडिया से जुड़े लोग पिछले 2 वर्षों में गंभीर संकट के दौर से गुजर रहे हैं। कमलनाथ सरकार के समय भाजपा नेताओं द्वारा डिजिटल मीडिया से जुड़े हितों को लेकर सरकार पर सवाल खड़े करते हुए तीखे हमले किये गए थे लेकिन अब जब भाजपा खुद सत्ता में है तब उनके नेताओं की चुप्पी उनकी विषय के प्रति गंभीरता उजागर को करती है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आवाज बुलंद कर रही शिवराज सरकार को अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए डिजिटल मीडिया विज्ञापन मामले में तत्काल निर्णय लेना चाहिए।

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