
24 मार्च 2024। 2024 वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट एक चिंताजनक रुझान को सामने लाती है: युवाओं में खुशी में कमी देखी जा रही है, जिसे मिडलाइफ क्राइसिस जैसा माना जा रहा है। मीडिया में शामिल विशेषज्ञों ने इस ट्रेंड को बढ़ाने में सोशल मीडिया की भूमिका पर ध्यान दिलाया है।
रिपोर्ट zwar एक तरफ यह बताती है कि उम्र के हिसाब से खुशी के अंतर को पाटने की दिशा में दुनिया भर में प्रगति हो रही है, वहीं दूसरी तरफ यह भी सामने आया है कि उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में 15-24 साल के युवाओं में खुशी का स्तर काफी कम हुआ है। यह गिरावट दुनिया के अन्य क्षेत्रों में युवाओं के बीच बताए गए बढ़ते खुशी के स्तर के बिल्कुल उलट है।
मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर, जो रिपोर्ट के मीडिया कवरेज में शामिल थे, का सुझाव है कि सोशल मीडिया का प्रभाव एक प्रमुख कारक हो सकता है। लगातार तुलना करना और ऑनलाइन एक परफेक्ट छवि पेश करने का दबाव युवाओं के आत्मसम्मान और समग्र खुशी को प्रभावित कर सकता है।
रिपोर्ट के निष्कर्ष युवाओं की खुशी को प्रभावित करने वाले विशिष्ट कारकों की और जांच की मांग करते हैं। हमारे जीवन में सोशल मीडिया की व्यापक उपस्थिति के साथ, इसके संभावित नकारात्मक पहलुओं पर करीब से नज़र डालना महत्वपूर्ण हो जाता है।